क्या हर्षवर्धन ने लंदन से एमबीए करके फर्जी दूतावास चलाने का काम किया?

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क्या हर्षवर्धन ने लंदन से एमबीए करके फर्जी दूतावास चलाने का काम किया?

सारांश

गाजियाबाद में एक व्यक्ति ने वर्षों से फर्जी दूतावास चलाया। एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ कई धाराएं लगाई हैं। जानें उसकी कहानी क्या है!

Key Takeaways

  • हर्षवर्धन जैन ने फर्जी दूतावास चलाने का काम किया।
  • उन्हें एसटीएफ ने गिरफ्तार किया।
  • फर्जी दस्तावेज और लग्जरी गाड़ियाँ बरामद की गईं।
  • उनका संबंध एक प्रतिष्ठित उद्योगपति परिवार से है।
  • इस मामले में स्थानीय पुलिस द्वारा विधिक कार्रवाई की जा रही है।

गाजियाबाद, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में छापा मारकर एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो वर्षों से विभिन्न देशों का राजदूत बताकर फर्जी दूतावास का संचालन कर रहा था।

आरोपी हर्षवर्धन जैन अपने निवास स्थान से डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियों, विदेशी झंडों और नकली दस्तावेजों के माध्यम से आम लोगों और कंपनियों को ठग रहा था। एसटीएफ को मिली गुप्त सूचना के आधार पर, 22 जुलाई को रात लगभग 11:30 बजे केबी-35, कविनगर स्थित मकान पर छापा मारा गया। मौके पर चार डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट वाली लग्जरी गाड़ियां, विभिन्न देशों के झंडे और भारी मात्रा में नकद के साथ कई फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए।

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त हर्षवर्धन जैन (उम्र 47 वर्ष) गाजियाबाद के एक प्रतिष्ठित उद्योगपति परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने गाजियाबाद से बीबीए और लंदन से एमबीए की शिक्षा प्राप्त की है। वर्ष 2000 में चर्चित व्यक्ति चंद्रास्वामी के संपर्क में आने के बाद उनकी मुलाकात कई आर्म्स डीलरों से हुई और वहां से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फर्जीवाड़े और दलाली का काम शुरू किया।

हर्षवर्धन ने लंदन, दुबई और अफ्रीकी देशों में फर्जी कंपनियां स्थापित कीं। उन्होंने स्वघोषित छोटे देशों, जैसे सेबोर्गा, वेस्ट आर्कटिक और पुलबीया लोडोनिया से खुद को एम्बेसडर घोषित कर लिया और भारत में इसका उपयोग कर आम लोगों और कंपनियों को धोखा देते रहे। गाजियाबाद स्थित अपने निवास को उन्होंने फर्जी दूतावास का रूप दिया था, जहां से वह विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी, दलाली और हवाला जैसे कार्य कर रहा था।

हर्षवर्धन ने अपने घर में कई तस्वीरें लगाई थीं, जिनमें वह बड़े राजनेताओं के साथ दिख रहे थे। पुलिस के अनुसार, ये सभी तस्वीरें फर्जी हैं और गलत तरीके से बनाई गई हैं। हर्षवर्धन के खिलाफ थाना कविनगर, गाजियाबाद में वर्ष 2012 में टेलीग्राफ एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था और अब एक बार फिर थाना कविनगर, गाजियाबाद में कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्र और पुलिस उपाधीक्षक नवेंदु कुमार के पर्यवेक्षण में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर स्थानीय पुलिस द्वारा आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।

Point of View

जो लोगों को धोखा देने के लिए हर संभव तरीका अपनाते हैं। हमें ऐसे मामलों के प्रति सजग रहना चाहिए।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

हर्षवर्धन जैन कौन हैं?
हर्षवर्धन जैन एक व्यक्ति हैं, जिन्होंने वर्षों तक फर्जी दूतावास चलाया और आम लोगों को ठगा।
एसटीएफ ने उन्हें क्यों गिरफ्तार किया?
उन्हें फर्जी दस्तावेज और ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
फर्जी दूतावास कैसे चलाया गया?
उन्होंने अपने घर को फर्जी दूतावास का रूप देकर विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी की।
क्या उनके खिलाफ पहले से कोई मामला था?
हाँ, उनके खिलाफ वर्ष 2012 में टेलीग्राफ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस मामले में आगे क्या होगा?
स्थानीय पुलिस द्वारा आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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