क्या राजपाल यादव ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात में खुद को द्वापर युग का 'मनसुखा' बताया?

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क्या राजपाल यादव ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात में खुद को द्वापर युग का 'मनसुखा' बताया?

सारांश

राजपाल यादव ने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात में अपने अनोखे अंदाज में खुद को द्वापर युग का 'मनसुखा' बताया। उनके इस मजेदार संवाद ने सभी को हंसाया। जानिए इस मुलाकात के दिलचस्प पल और राजपाल की आध्यात्मिक यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • राजपाल यादव की अदाकारी ने सभी को हंसाया।
  • वृंदावन में प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की।
  • राजपाल ने खुद को मनसुखा बताया।
  • हंसी और भक्ति का एक अनूठा संगम।
  • फैंस ने इस मुलाकात को सराहा।

मुंबई, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्मों में अपनी फनकारी एक्टिंग से दर्शकों को हंसाने वाले अभिनेता-कमेडियन राजपाल यादव ने संत प्रेमानंद महाराज को भी हंसाया।

राजपाल यादव इन दिनों अपनी आध्यात्मिक यात्रा के लिए चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। इस मुलाकात का वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम स्टोरीज पर साझा किया।

वृंदावन में आश्रम पहुंचे राजपाल यादव महाराज जी के सामने हाथ जोड़े बैठे नजर आए। वीडियो में जब महाराज पूछते हैं कि कैसे हो? तो राजपाल ने हंसते हुए कहा, “महाराज जी, मैं तो बहुत कुछ कहने की तैयारी करके आया था, लेकिन आपके सामने आते ही सब भूल गया। अब समझ नहीं आ रहा कि क्या बोलूं!” यह सुनकर वहां सभी लोग हंस पड़े।

राजपाल ने अपने अनोखे अंदाज में कहा, “महाराज जी, मुझे लगता है अभी द्वापर युग चल रहा है। हो सकता है यह पागलपन लगे, लेकिन मैं इस युग में रहना चाहता हूं। कन्हैया और सखा मंडल हैं और मैं… मैं तो उस मंडल का मनसुखा हूं!” महाराज जी ठहाके मारकर हंसते नजर आए।

यह सुनकर प्रेमानंद जी महाराज मुस्कुराए और प्यार से बोले, “जो पूरी दुनिया के चेहरे पर हंसी लाता है, वह मनसुखा जरूर है। तुम बहुत अच्छा काम कर रहे हो। बस नाम जपते रहो, राधे-राधे बोलते रहो।”

बता दें, मनसुखा, भगवान श्रीकृष्ण के मित्र थे, जिन्हें मधुमंगल भी कहा जाता है। वह बालसखाओं में से एक थे।

इसके बाद राजपाल यादव प्रेमानंद महाराज को दो मंत्र सुनाते हैं जो उन्हें याद हैं। महाराज जी भी उन्हें नामजप करने के लिए कहते हैं। राजपाल यादव कहते हैं कि उनका जीवन धन्य हो गया।

फैंस इस वीडियो को पसंद कर रहे हैं और कमेंट में लिख रहे हैं कि राजपाल की हंसी और महाराज जी का आशीर्वाद दोनों अनमोल हैं।

Point of View

जहां वे अपने मजेदार अंदाज के साथ आध्यात्मिकता को जोड़ते हैं। यह घटना न केवल मनोरंजन का स्रोत है, बल्कि एक सकारात्मक संदेश भी देती है कि हंसी और भक्ति एक साथ चल सकती हैं।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

राजपाल यादव ने किस संत से मुलाकात की?
राजपाल यादव ने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की।
राजपाल ने खुद को किस युग का 'मनसुखा' बताया?
राजपाल यादव ने खुद को द्वापर युग का 'मनसुखा' बताया।
राजपाल यादव की आध्यात्मिक यात्रा का क्या महत्व है?
राजपाल यादव की आध्यात्मिक यात्रा उनके जीवन में एक नई दिशा और सकारात्मकता लाने का प्रयास है।
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