क्या ऋषभ शेट्टी ने ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के क्लाइमेक्स की शूटिंग सूजे पैर के साथ की?

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क्या ऋषभ शेट्टी ने ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के क्लाइमेक्स की शूटिंग सूजे पैर के साथ की?

सारांश

ऋषभ शेट्टी ने ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के क्लाइमेक्स सीन की शूटिंग के दौरान अपनी कठिनाइयों को साझा किया। सूजे पैर और थके शरीर के बावजूद, उनका काम दर्शकों द्वारा सराहा गया। जानिए इस दिलचस्प कहानी के पीछे का संघर्ष।

Key Takeaways

  • ऋषभ शेट्टी का संघर्ष प्रेरणादायक है।
  • क्लाइमेक्स सीन की शूटिंग में कठिनाइयां थीं।
  • पटकथा को १५-१६ बार लिखा गया।
  • फिल्म निर्माण में समर्पण महत्वपूर्ण है।
  • दर्शकों का प्यार मेहनत का फल है।

मुंबई, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हम सभी ने ‘कांतारा: चैप्टर १’ में ऋषभ शेट्टी के अभिनय की प्रशंसा की है, लेकिन इस फिल्म के निर्माण के दौरान उन्होंने जो कठिनाइयां झेली, वे बहुत ही कम लोगों को पता हैं।

सोमवार को, ऋषभ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें उनका सूजा हुआ पैर नजर आ रहा था। उन्होंने बताया कि उन्होंने फिल्म के क्लाइमेक्स सीन की शूटिंग इसी अवस्था में की थी।

उन्होंने लिखा, “यह क्लाइमेक्स शूट के वक्त की बात है। सूजे हुए पैर, थका हुआ शरीर… लेकिन आज वही क्लाइमेक्स लाखों दर्शकों को पसंद आ रहा है। यह सब उस दिव्य ऊर्जा की कृपा से संभव हुआ, जिस पर हम विश्वास करते हैं। सभी का दिल से धन्यवाद, जिन्होंने हमारा साथ दिया।”

ऋषभ ने पहले बताया था कि ‘कांतारा: चैप्टर १’ की पटकथा को अंतिम रूप देने में कितने प्रयास लगे। उन्होंने कहा कि इस प्रीक्वल की कहानी और हर पहलू को सही करने के लिए लगभग १५-१६ बार पटकथा लिखनी पड़ी।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, “पहले मुझे लगा था कि ७-८ ड्राफ्ट होंगे, लेकिन असल में १५-१६ बार हमें कहानी फिर से लिखनी पड़ी। हर बार नई नरेशन बनती रही, इसलिए ये सब नरेशन ड्राफ्ट थे।”

ऋषभ ने आगे बताया, “पहले भाग में, हमने ज्यादा ड्राफ्ट नहीं लिखे थे। हमने ३-४ ड्राफ्ट लिखे और ३-४ महीनों में लिखना पूरा कर लिया, और सीधे शूटिंग शुरू कर दी। यह बहुत आसान था। जब हमने प्रीक्वल बनाया, तो हमने चर्चा शुरू की। जब प्रीक्वल पर काम शुरू किया, तो हमने शिवा के पिता की कहानी से शुरुआत की। स्क्रिप्ट भी तैयार हो गई, लेकिन बाद में लगा कि पहली फिल्म को एक ठोस पृष्ठभूमि चाहिए। तब हमने सोचा—चलो थोड़ा पीछे लौटते हैं, इसे शुरुआत की कहानी बनाते हैं, कोई दंतकथा नहीं।”

उन्होंने कहा, “हमने इसे पूरा किया और फिर यह एक पूरी स्क्रिप्ट बन गई, तब हमें समझ आया कि हम इसे एक छोटे से हिस्से में नहीं कह सकते, यह एक पूरी बैकस्टोरी है।”

Point of View

हमें यह मानना चाहिए कि फिल्म निर्माण में संघर्ष और दृढ़ता का होना आवश्यक है। ऋषभ शेट्टी का अनुभव हमें यह दिखाता है कि किसी भी चुनौती को पार करने के लिए समर्पण और मेहनत जरूरी है। यह कहानी न सिर्फ फिल्म के प्रति उनके जुनून को दर्शाती है, बल्कि दर्शकों के लिए प्रेरणा भी बनती है।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

ऋषभ शेट्टी ने किस फिल्म के क्लाइमेक्स की शूटिंग सूजे पैर के साथ की?
ऋषभ शेट्टी ने ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के क्लाइमेक्स की शूटिंग सूजे पैर के साथ की।
ऋषभ शेट्टी ने कितनी बार पटकथा को लिखा?
ऋषभ शेट्टी ने ‘कांतारा: चैप्टर 1’ की पटकथा को १५-१६ बार लिखा।