क्या कैमरे के सामने सहज रहती हैं शालिनी पांडे?

सारांश
Key Takeaways
- शालिनी पांडे की सहजता उनके अभिनय का मुख्य रहस्य है।
- उन्हें पहले फिल्म में अच्छे अभिनेताओं के साथ काम करने का मौका मिला।
- शालिनी का कहना है कि अभिनय उनके लिए एक सुरक्षित ठिकाना है।
मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री शालिनी पांडे ने अपनी फिल्मी यात्रा की शुरुआत ब्लॉकबस्टर फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' से की थी, जिसने उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया।
एक खास बातचीत में शालिनी पांडे ने अपने अभिनय के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि वह कैमरे के सामने बिल्कुल सहज रहती हैं, और यही उनके अभिनय का मुख्य रहस्य है।
जब उनसे पूछा गया, "क्या आपकी प्रतिभा स्वाभाविक है, या इसके लिए आपने मेहनत की है?" तो उन्होंने उत्तर दिया, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि यह स्वाभाविक प्रतिभा है या नहीं, लेकिन बचपन से ही अभिनेत्री बनने का सपना देखती थी। कैमरे के सामने मैं बहुत सहज रहती हूं, खासकर जब मैं किसी और किरदार में ढलती हूं। संवाद मिलने और अलग रूप में आने पर मुझे सबसे ज्यादा सुकून और आत्मविश्वास मिलता है। शायद यही वजह है कि यह स्वाभाविक लगता है, क्योंकि अभिनय मेरा सबसे पसंदीदा ठिकाना है।"
इंडस्ट्री में अपने सफर के बारे में शालिनी ने आगे कहा, "एक एक्टर के तौर पर मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत मानती हूं कि मेरा सीखने का सफर अद्भुत रहा है। पहली फिल्म में जिन लोगों के साथ काम किया, उन्होंने मेरे सफर को खास बना दिया।"
उन्होंने आगे कहा, "पहली फिल्म में मुझे बहुत अच्छे अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला, जिससे मैं धन्य महसूस करती हूं। उसके बाद किए सभी प्रोजेक्ट्स भी कमाल की टीम के साथ रहे हैं। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं।"
गौरतलब है कि शालिनी पांडे ने 'अर्जुन रेड्डी' में एक मेडिकल छात्रा का किरदार निभाया था, जिसमें विजय देवरकोंडा ने मुख्य भूमिका अदा की थी। इसके बाद उन्होंने 'डब्बा कार्टल', 'जयेशभाई जोरदार', 'महाराज', और '118' जैसी फिल्म-सीरीज में अपने अभिनय का परिचय दिया है।