क्या सीएम भूपेंद्र पटेल ने नर्मदा के पावन जल का लिया आशीर्वाद?

सारांश
Key Takeaways
- नर्मदा परियोजना का जल स्तर 138.68 मीटर पर पहुंचा।
- मुख्यमंत्री ने जल पूजन किया और जल संरक्षण की अपील की।
- सरदार सरोवर बांध का जल उपयोग 4 करोड़ लोगों के लिए किया जाता है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने नर्मदा बांध को राष्ट्र को समर्पित किया।
- जल योजना के अंतर्गत 302 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन हुआ।
गांधीनगर, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जल की जीवन रेखा नर्मदा योजना के सरदार सरोवर बांध का जलस्तर गुजरात में कृषि क्रांति और विकास का प्रतीक बन गया है, जो अपने उच्चतम 138.68 मीटर अर्थात 455 फीट पर पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जगत की आदिशक्ति की आराधना के पर्व शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि के पावन अवसर पर एकता नगर स्थित सरदार सरोवर बांध स्थल पर पहुंचकर लोकमाता नर्मदा के पावन जल का पूजन किया और आशीर्वाद लिया।
सीएम पटेल ने 10,453 गांवों, 190 शहरों और 7 नगर निगमों सहित गुजरात के 4 करोड़ से अधिक लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने वाली सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना के लबालब जलस्तर के बीच हर्षोल्लासपूर्ण वातावरण में वैदिक मंत्रोच्चार और उत्साह के साथ जल पूजन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर 2017 को सरदार सरोवर बांध को राष्ट्र को समर्पित किए जाने के बाद से, यह बांध कुल छह बार, वर्ष 2019, 2020, 2022, 2023, 2024 और 2025 में अपने अधिकतम स्तर तक भर चुका है। 138.68 मीटर (455 फीट) के स्तर पर नर्मदा बांध की कुल जल संग्रहण क्षमता 9,460 मिलियन घन मीटर है।
सीएम ने राज्य की निरंतर प्रगति के प्रतीक और गुजरात के जलस्रोत, सरदार सरोवर नर्मदा बांध के पूर्ण जलस्तर की पूजा-अर्चना कर जलशक्ति की स्तुति की परंपरा को जारी रखा है। उन्होंने सभी से बहुमूल्य नर्मदा जल का संयम और समझदारी से उपयोग करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने आए लोगों से सहजता से बातचीत की और विभिन्न पर्यटन सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की।
सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरक उपस्थिति में एकता नगर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली राष्ट्रीय एकता परेड इस वर्ष सरदार साहब की 150वीं जयंती के विशेष अवसर पर आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस एकता परेड स्थल का दौरा किया और संबंधित अधिकारियों से राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की पूरी जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया।
यहां यह बताना महत्वपूर्ण है कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के मात्र 17 दिनों के भीतर ही नर्मदा बांध के शेष कार्य को पूरा करने और गेट लगाने की स्वीकृति दे दी थी। राज्य सरकार ने भी इस कार्य को तत्परता से किया और 30 गेटों के कार्य सहित सभी कार्य निर्धारित समय से 9 महीने पहले ही पूरे कर लिए।
इस वर्ष मानसून में सुजलाम-सुफलाम और सौनी योजनाओं के माध्यम से उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ को पानी वितरित किया गया है। सुजलाम-सुफलाम योजना में 98 एमसीएम (3,431 एमसीएफटी) पानी की आपूर्ति की गई है और 877 तालाब भरे जा चुके हैं। सौनी योजना में 114 एमसीएम (3,992 एमसीएफटी) पानी की आपूर्ति की गई है और 36 तालाब, 325 चेकडैम और 31 बांध भरे जा रहे हैं तथा 162 तालाब, 1,104 चेकडैम और 30 बांध भरे जा चुके हैं।
सिंचाई विभाग की आवश्यकतानुसार, तालाबों, चेकडैम, बांधों आदि को भरने के लिए सरदार सरोवर बांध से पर्याप्त पानी वितरित किया जाता है। इस वर्ष, नर्मदा बांध के अतिप्रवाह काल के दौरान, पुष्पावती, रूपेण, बनास, सरस्वती, साबरमती, वात्रक, कुण, कराड, देव और हेरन जैसी 10 नदियों को नर्मदा जल छोड़कर पुनर्जीवित किया गया है।
चालू मानसून के दौरान, नर्मदा योजना के रिवर बेड पावर हाउस और कैनाल हेड पावर हाउस में कुल 302 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। इसके साथ ही, सितंबर 2025 में 105 करोड़ यूनिट का अधिकतम मासिक बिजली उत्पादन प्राप्त किया गया है। अब तक कुल 6,810 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हो चुका है।