क्या फैमिली ट्रिप पर शेफाली शाह ने ‘मदर इंडिया’ और ‘सिमरन’ का जिक्र कर सुनाई सफर की कहानी?
सारांश
Key Takeaways
- सपने
- परिवार के साथ समय बिताना महत्वपूर्ण है।
- तनाव और चुनौतियों का सामना करना जरूरी है।
- खुशी अकेलेपन में भी मिल सकती है।
- अपने अनुभव साझा करना आत्मसंतोष देता है।
मुंबई, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्मों और सफल वेब सीरीज में अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाने वाली एक्ट्रेस शेफाली शाह इस समय अपने परिवार के साथ अपनी जिंदगी में एक बार होने वाली ड्रीम ट्रिप पर निकली हैं।
शेफाली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए सोलो और फैमिली ट्रिप के अपने अनुभव को साझा करते हुए एक दिलचस्प किस्सा सुनाया।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक पोस्ट में बताया कि बचपन से उन्होंने जो ट्रिप का सपना देखा था, वह अब पूरा हो रहा है, लेकिन यात्रा पर निकलने से पहले का समय तनावपूर्ण था। पैकिंग में दिक्कतें, शाकाहारी खाने की योजना बनाना, इटिनररी में गड़बड़ी, घर से देरी, रात के समय ट्रैफिक जाम, फ्लाइट छूटने का डर, लंबी कतारें, विंडो सीट न मिलना और प्यारे पालतू जानवरों को छोड़ने की चिंता, ये सभी बातें ‘शाह परिवार शाह कुटुंब’ पर भारी पड़ रही थीं।
उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर बाहर से सबको एक खुशहाल परिवार के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन एक महिला, जो उदास और किताब में छिपी हुई थी, वास्तव में वह खुद थीं। शेफाली लिखती हैं, “वह महिला मैं ही थी। वही बच्ची जिसने वर्षों से इस ट्रिप का सपना देखा था। जिसने इंतज़ार किया कि बच्चे बड़े हों, शेड्यूल मेल खाए, और मौका सही हो। उसे लगता था कि सारी खुशी केवल एक साथ रहने में है।”
फिर वह अपने दो साल पुरानी सोलो ट्रिप को याद करती हैं, “तब मैं अकेली और उदास थी। कोशिश कर रही थी कि अकेलेपन में खुशी ढूंढूं। मुझे हैरानी हुई कि अकेले रहने के बावजूद मैं वास्तव में अकेली नहीं थी।”
पोस्ट के अंत में शेफाली खुद को याद दिलाती हैं, “मदर इंडिया से सिमरन बनने तक, ट्रेन से लटककर लाइफलाइन पकड़ने वाली औरत आज ‘शाह एंड संस’ के साथ ‘तारे जमीन पर’ देखने जा रही है। लेकिन, डार्लिंग… मत भूलो। अकेले हो या सबके साथ, तुम काफी हो।”