क्या 'शोले' के वीरू को कच्ची उम्र में पहला प्यार हुआ था? जानिए दिल को छूने वाली कविता
सारांश
Key Takeaways
- प्यार की भावना समय और उम्र की परवाह नहीं करती।
- धर्मेंद्र का पहला प्यार एक मासूम और खूबसूरत अनुभव था।
- कविता लिखना प्रेम को व्यक्त करने का एक अद्भुत तरीका है।
मुंबई, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित फिल्म 'शोले' का 4K वर्जन शुक्रवार को सिनेमाघरों में पुनः रिलीज किया गया है। इस फिल्म में जितना जय और वीरू की जोड़ी को सराहा गया, उतना ही धर्मेंद्र और बसंती के बीच का रोमांस भी दर्शकों के दिलों में बस गया था।
क्या आप जानते हैं कि हीरो धर्मेंद्र को जवानी से पहले ही किसी से प्यार हो गया था?
आज हम आपसे शोले के दोबारा रिलीज होने के अवसर पर धर्मेंद्र की उस कविता और कहानी के बारे में साझा करेंगे, जो उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से पूर्व लिखी थी।
कच्ची उम्र में किसी पर दिल आना या आकर्षित होना आम बात है। यह पल हर किसी की ज़िंदगी में आता है। धर्मेंद्र ने अपने पहले और कच्चे प्यार की कहानी सुनाई और उसे व्यक्त करने के लिए एक कविता भी लिखी थी।
धर्मेंद्र अपने बेटे बॉबी देओल के साथ सलमान खान के शो 'दस का दम' में आए थे। शो में बॉबी ने मजाक में कहा, "जिस लड़की के लिए आपने कविता लिखी थी, वो सुनाइए।"
प्यार की बात करते हुए धर्मेंद्र ने बताया कि पहले के जमाने में लोग थोड़े शर्मीले होते थे। सामने वाले को पता ही नहीं चलता था कि कोई उनके लिए चुपके से आहें भर रहा है।
तभी बॉबी ने उस कविता और लड़की का जिक्र किया। धर्मेंद्र ने बताया कि उन्होंने इस कविता का नाम 'अनजाना अहसास, अनोखी कशिश' रखा था। यह उस समय की बात है, जब देश का बंटवारा नहीं हुआ था और उनकी उम्र भी बहुत कम थी।
अपनी कविता गुनगुनाते हुए अभिनेता ने कहा, "मैं छोटा था, मासूम था उम्र मेरी, वो क्या थी पता नहीं, पास जाने को जिसके, साथ बैठने को जिसके जी चाहता था। वो तालिबा थी आठवीं की, और मैं छठीं में पढ़ता था। वह हमारे स्कूल के टीचर की बेटी थी, नाम हमिदा था। उसकी मुस्कान पर मैं पास चला जाता। उसकी खामोशी पर मैं सिर झुका लेता। ये सवाल क्या है, ये अनोखी कशिश और अनजाना अहसास क्या है?"
बता दें कि जब धर्मेंद्र 14-15 साल के थे, तब उन्हें अपनी ही स्कूल के टीचर की बेटी पसंद आने लगी थी। अभिनेता ने इसी रोमांस को पर्दे पर जीवित रखा और 1970 में 'तुम हसीन मैं जवां', 1971 में 'मेरा गांव, मेरा देश', 1972 में 'सीता-गीता', और 1975 में 'प्रतिज्ञा' जैसी सुपरहिट फिल्मों में रोमांटिक किरदार निभाए।