क्या अमजद खान ने 'शोले' में गब्बर बनने के लिए धोबी से प्रेरणा ली?

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क्या अमजद खान ने 'शोले' में गब्बर बनने के लिए धोबी से प्रेरणा ली?

सारांश

फिल्म शोले के गब्बर के किरदार के पीछे की मेहनत और प्रेरणा पर रोशनी डालते हुए इस लेख में जानें कि अमजद खान ने कैसे अपने पिता से सलाह लेकर और धोबी की आवाज से प्रेरित होकर इस किरदार को जीवंत किया।

Key Takeaways

  • अमजद खान की मेहनत ने गब्बर को अमर बना दिया।
  • गब्बर के किरदार के लिए परिवार से मिली प्रेरणा महत्वपूर्ण थी।
  • धोबी की आवाज का उपयोग किरदार को जीवंत बनाने में मददगार रहा।

मुंबई, १२ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऐतिहासिक फिल्म 'शोले' को शुक्रवार को सिनेमाघरों में फिर से प्रदर्शित किया गया है। यह एक ऐसी फिल्म है, जिसमें हर पात्र का एक विशेष स्थान है।

फिल्म के सभी किरदारों को दर्शकों ने काफी पसंद किया। गब्बर के रूप में अमजद खान ने इस किरदार को अमर बना दिया। उन्होंने इस भूमिका के लिए कड़ी मेहनत की थी।

फिल्म में खलनायक बनकर डराने वाले गब्बर असल जिंदगी में बहुत शांत और समझदार व्यक्ति थे। अमजद खान को इस भूमिका के लिए पहली पसंद नहीं माना गया था। रमेश सिप्पी ने पहले गब्बर के लिए डैनी डेन्जोंग्पा को चुना था, लेकिन उन्होंने पहले से ही फिल्म 'धर्मात्मा' के लिए हां कह दी थी और उस समय सकारात्मक भूमिका निभाना चाहते थे। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें 'शोले' को ठुकराने का कोई पछतावा नहीं है। इसके बाद, मेकर्स ने प्रेमनाथ को गब्बर की भूमिका के लिए साइन करने का विचार किया, लेकिन शूटिंग के दौरान फैली अफवाहों के कारण उन्हें नया गब्बर ढूंढना पड़ा।

अमजद खान और रमेश सिप्पी की पहली मुलाकात थियेटर में हुई थी। रमेश सिप्पी अपनी बहन के कहने पर अमजद खान का शो देखने पहुंचे थे। मंच पर अमजद खान की कद-काठी और चेहरे के हाव-भाव देखकर उन्हें गब्बर के रोल के लिए चुना गया। अमजद के लिए ऐसी बड़ी फिल्म पाना खुशी के साथ-साथ एक चुनौती भी थी। उन्होंने गब्बर के किरदार को समझने के लिए काफी तैयारी की।

इस किरदार को जीवंत करने के लिए अमजद खान ने अपने पिता से सलाह ली। उन्होंने अपने पिता जयंत से बात की और डाकुओं पर आधारित किताबें पढ़ने की सलाह दी।

अमजद ने तरुण कुमार भादुड़ी की किताब 'अभिशप्त चंबल' पढ़ी और डाकुओं के पहनावे और चाल-ढाल को समझा। उन्होंने संवादों की अदायगी को बेहतर बनाने के लिए धोबी की आवाज का सहारा लिया, जो उनके घर पर आया करता था। उन्होंने 'अरे ओ सांभा' का लहजा धोबी की आवाज से प्रेरित होकर लिया था। अपने लुक को निखारने के लिए उन्होंने अपने दांतों को काला किया, जिससे उनके किरदार का लुक और भी प्रभावी हो सके।

Point of View

इस कहानी में हमें यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि फिल्म उद्योग में असली मेहनत और प्रेरणा कैसे काम करती है। अमजद खान का गब्बर किरदार न केवल उनके करियर में एक मील का पत्थर था, बल्कि यह दर्शाता है कि एक अभिनेता को अपने किरदार को जीवित करने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या अमजद खान को गब्बर के रोल के लिए पहली पसंद माना गया था?
नहीं, अमजद खान को गब्बर के रोल के लिए पहली पसंद नहीं माना गया था।
अमजद खान ने गब्बर के किरदार के लिए किससे प्रेरणा ली?
अमजद खान ने अपने पिता से सलाह ली और धोबी की आवाज को भी अपने किरदार में शामिल किया।
फिल्म शोले में गब्बर का किरदार निभाना अमजद खान के लिए कैसे था?
यह उनके लिए एक चुनौती और खुशी दोनों था, क्योंकि यह एक बड़ी फिल्म थी।
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