क्या स्मिता पाटिल की पुण्यतिथि पर राज बब्बर भावुक हुए?
सारांश
Key Takeaways
- स्मिता पाटिल का निधन 1986 में हुआ था।
- राज बब्बर ने उनकी अद्वितीयता को साझा किया।
- प्रतीक बब्बर ने मां की याद में भावुक शब्द कहे।
- स्मिता को समानांतर सिनेमा की रानी कहा जाता था।
- उनकी फिल्मों ने सामाजिक मुद्दों को उठाया।
मुंबई, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल की पुण्यतिथि पर उनके पति राज बब्बर और बेटे प्रतीक बब्बर ने उन्हें heartfelt tribute दिया। सोशल मीडिया पर उन्होंने स्मिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्मिता पाटिल का निधन 13 दिसंबर 1986 को महज 31 वर्ष की आयु में हुआ था, लेकिन उनकी कला और व्यक्तित्व आज भी लाखों दिलों में जीवित है। राज बब्बर ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा करते हुए स्मिता की विशिष्टताओं का उल्लेख किया। उन्होंने लिखा, "स्मिता पाटिल को महान अभिनेता बनाने वाली विशेषता वही थी जो उन्हें पर्दे के बाहर भी अद्वितीय बनाती थी। वह असाधारण थीं। उनकी गहरी सहानुभूति ने आम लोगों की मुश्किलों को समझा और साधारण कहानियों के माध्यम से उन्हें पर्दे पर जीवंत किया।"
राज बब्बर ने आगे कहा कि स्मिता का जल्दी चला जाना उन्हें बहुत दुखी करता है। उन्होंने कहा कि "आपने हमें जानने का बहुत कम समय दिया। यह रहस्य हमेशा अनसुलझा रहेगा। हम आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहे हैं।"
दूसरी ओर, स्मिता के बेटे और अभिनेता प्रतीक बब्बर ने भी इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, "हम स्मिता पाटिल की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हैं। मां हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी।"
स्मिता पाटिल को समानांतर सिनेमा की रानी माना जाता था। उनकी फ़िल्में जैसे 'मंथन', 'भूमिका', 'सूत्रधार', 'मिर्च मसाला', 'अर्थ' और 'बाजार' ने उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार और पद्मश्री सम्मान दिलाया। उनकी सहज अभिनय शैली और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित भूमिकाएं दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाने में सफल रहीं।