क्या सोनाली कुलकर्णी ने सात भाषाओं में फिल्में कर दर्शकों के दिलों पर राज किया?
सारांश
Key Takeaways
- सोनाली कुलकर्णी ने 7 भाषाओं में अभिनय किया है।
- उनकी पहली फिल्म 'चेलुवी' थी।
- सोनाली ने फिल्मफेयर और अन्य कई पुरस्कार जीते हैं।
- वह एक सफल कॉलमनिस्ट भी हैं।
- उनका व्यक्तिगत जीवन भी दिलचस्प है।
मुंबई, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदी और मराठी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री सोनाली कुलकर्णी ने भारतीय सिनेमा में एक मजबूत पहचान बनाई है। पुणे की निवासी सोनाली ने अपने करियर की शुरुआत 1992 में कन्नड़ फिल्म 'चेलुवी' से की थी।
3 नवंबर 1974 को महाराष्ट्र के पुणे में जन्मी सोनाली कुलकर्णी के करियर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने सात विभिन्न भाषाओं में काम किया है। कन्नड़, मराठी, हिंदी, तमिल, गुजराती, अंग्रेजी और इतालवी में उनकी फिल्मों ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। इसीलिए, उन्हें लोग 'बहुभाषी सुपरस्टार' के रूप में जानते हैं। इस बहुभाषी यात्रा ने उन्हें विभिन्न शैलियों और फिल्मों में काम करने का अवसर दिया। उनके करियर में हिंदी और मराठी फिल्मों के साथ-साथ हॉलीवुड और यूरोप की फिल्में भी शामिल हैं।
सोनाली का हमेशा से पढ़ाई और अभिनय में गहरी रुचि रही है। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया और मराठी साहित्य में स्कॉलरशिप भी प्राप्त की। साथ ही, सोनाली भरतनाट्यम में भी प्रशिक्षित हैं और उन्होंने इसके लिए 11 साल तक कड़ी ट्रेनिंग ली।
अपने प्रारंभिक दिनों में, उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई और अभिनय के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की। उन्हें जब पहली बार फिल्म का ऑफर मिला, तो उन्होंने थोड़ी हिचकिचाहट दिखाई, क्योंकि उन्हें क्लास मिस होने का डर था। लेकिन निर्देशक गिरीश कर्नाड के समझाने पर उन्होंने फिल्म के लिए हां कर दी। यही फिल्म उनके करियर का पहला कदम साबित हुई, और इसके बेहतरीन अभिनय के कारण फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड जीता और कांस फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित हुई।
सोनाली की पहली मराठी फिल्म 'मुक्ता' थी, जो 1994 में रिलीज हुई। इसके बाद उन्होंने लगातार मराठी और हिंदी फिल्मों में काम किया। हिंदी फिल्मों में उनका नाम 'दिल चाहता है', 'मिशन कश्मीर', 'डरना जरूरी है' और 'सिंघम' जैसी हिट फिल्मों के लिए जाना जाता है। मराठी फिल्मों में भी उनकी लोकप्रियता काबिले तारीफ रही है। फिल्में जैसे 'देवराई', 'दोघी', 'कैरी', 'घराबाहेर', 'सखी' और 'देऊल' दर्शकों को बेहद पसंद आईं।
सोनाली केवल फिल्मों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि वह एक सफल कॉलमनिस्ट भी हैं। उन्होंने मराठी समाचार पत्र में 'सो कूल' नाम का कॉलम लिखा, जिसे पाठकों ने बहुत सराहा। उनके लेख इतने प्रसिद्ध हो गए कि लोग उन्हें उसी नाम से पहचानने लगे।
सोनाली कुलकर्णी को उनके बहुभाषी करियर और अभिनय के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इटालियन फिल्म 'फुओको दी सु' के लिए उन्हें 2006 में मिलान फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड मिला। इसके अलावा, उन्हें चार फिल्मफेयर अवार्ड्स और महाराष्ट्र स्टेट फिल्म अवार्ड भी प्राप्त हुए हैं। 'चैत्र' जैसी फिल्मों को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो सोनाली की पहली शादी मराठी निर्देशक चंद्रकांत कुलकर्णी से हुई थी, लेकिन बाद में तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने 2010 में नचिकेत पंतवैद्य से शादी की, जो सोनी एंटरटेनमेंट टीवी के हेड हैं। उनकी एक प्यारी बेटी भी है।
सोनाली कुलकर्णी आज भी फिल्मों, वेब सीरीज और टीवी में सक्रिय हैं। उनकी बहुभाषी प्रतिभा ने उन्हें भारतीय सिनेमा का एक अनोखा और प्रेरणादायक चेहरा बना दिया है।