क्या मां की जयंती पर भावुक हुए सुभाष घई?
सारांश
Key Takeaways
- सुभाष घई ने अपनी मां को उनकी जयंती पर याद किया।
- उन्होंने बताया कि मां का स्थान कोई नहीं ले सकता।
- सफलता का श्रेय मां के प्रेरणादायक पत्रों को दिया।
- मां को सृष्टिकर्ता और मार्गदर्शक के रूप में देखा।
- परिवार की अच्छाइयां मां की शिक्षाओं की देन हैं।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म निर्माता और निर्देशक सुभाष घई अपने परिवार और कार्य से जुड़े पोस्ट के माध्यम से सोशल मीडिया पर अपने प्रशंसकों को अपडेट रखने का कोई अवसर नहीं छोड़ते। हाल ही में, उनका एक पोस्ट उनकी दिवंगत मां के लिए था, जिसमें उनका भावुक पक्ष सामने आया।
सुभाष घई ने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी मां सुभद्रा घई की एक पुरानी तस्वीर साझा की, जो उन्होंने 1940 के दशक की बताई। इसके साथ, उन्होंने एक दिल को छूने वाला संदेश भी लिखा।
उन्होंने अपने पोस्ट में स्पष्ट किया कि जीवन में मां का स्थान कोई नहीं ले सकता और उन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकता।
उन्होंने लिखा, "आप जीवन में कुछ भी भूल सकते हैं, लेकिन अपनी मां को कभी नहीं, जिन्होंने आपको बिना शर्त प्यार दिया और आपकी सफलता तथा ख़ुशी के लिए प्रार्थना की।"
अपनी मां की सराहना करते हुए, उन्होंने अपनी सफलता का पूरा श्रेय उन्हें देते हुए कहा, "आज मैं अपनी मां सुभद्रा घई की तस्वीर देख रहा हूं, जो 1940 के दशक की एक शिक्षित, समझदार महिला थीं। मेरी सारी सफलता का श्रेय उनके आध्यात्मिक उपदेशों और संघर्ष के दिनों में मुझे लिखे प्रेरणादायक पत्रों को जाता है। बहुत-बहुत धन्यवाद मां और आज आपका जन्मदिन है, आपको शुभकामनाएं। आप आज भी हमारे साथ हैं।"
सुभाष घई ने 'तेजाब', 'राम लखन', 'कारण अर्जुन' जैसी कई सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन किया है, जिससे उनकी मां का योगदान हमेशा महत्वपूर्ण रहा है, जिसका जिक्र वह अक्सर करते हैं।
अप्रैल में अपनी मां की पुण्यतिथि के अवसर पर, उन्होंने कहा था कि वह अपनी मां को सृष्टिकर्ता, गुरु, प्रेरणा स्रोत, बिना शर्त प्यार देने वाली, मार्गदर्शक, रक्षक और आध्यात्मिक गुरु मानते हैं।
घई का मानना है कि मां हमेशा दिल में बसी रहती हैं और हमेशा जीवित रहेंगी। उन्होंने कहा कि परिवार की सारी अच्छाइयां मां की शिक्षाओं की देन हैं और वे हमेशा उनसे प्रेरणा लेते रहेंगे।
उन्होंने घई परिवार की ओर से मां को शांति और खुशी की कामना करते हुए दिल से धन्यवाद भी दिया।