क्या सुभाष घई ने हरे भरे पत्तों की तस्वीर साझा कर एआई पर कुछ खास कहा?
सारांश
Key Takeaways
- सुभाष घई ने अपने इंस्टाग्राम पर एआई पर विचार साझा किए।
- प्रकृति की सुंदरता को समझने की आवश्यकता है।
- वे सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी सक्रिय हैं।
- बॉलीवुड में उनका योगदान महत्वपूर्ण है।
- नई प्रतिभाओं को पहचानने का कार्य करते हैं।
मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के प्रख्यात निर्देशक सुभाष घई नियमित रूप से सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हैं। गुरुवार को उन्होंने एक पोस्ट के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर अपनी राय व्यक्त की।
सुभाष घई ने इंस्टाग्राम पर हरे-भरे पत्तों की एक तस्वीर साझा की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "ईश्वर की रचना की बारीकियों में गहराई है। कृपया 20 सेकंड के लिए इस पर ध्यान दें। हम प्रकृति और ब्रह्मांड की नकल करते हैं और इसे मानव कला कहते हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता केवल मानव बुद्धि का सहायक है।"
निर्देशक की इस पोस्ट को उनके फैंस काफी पसंद कर रहे हैं और वे उनके कैप्शन की सराहना कर रहे हैं।
घई अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकालकर अक्सर सोशल मीडिया पर सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और एआई पर अपने विचार रखते हैं। उनकी बनाई फिल्मों ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया है, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी शानदार प्रदर्शन किया है।
हिंदी सिनेमा में सुभाष का योगदान अद्वितीय है। उन्होंने यादगार फिल्में देकर एक से एक बेहतरीन सितारों को भी लॉन्च किया है। घई ने अपने फिल्म स्कूल 'व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल' के जरिये कई प्रतिभाओं को निखारा है।
हाल ही में उनके संस्थान के छात्रों ने एक शॉर्ट फिल्म 'रॉकेटशिप' बनाई, जिसमें अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने मुख्य भूमिका निभाई।
फिल्म में उर्वी गर्ग, शाइना सरकार और राहुल चौधरी महत्वपूर्ण किरदारों में थे। फिल्म का लेखन और निर्देशन अर्जुन मेनन ने किया, जबकि हरमनराय सिंह सहगल इसके निर्माता हैं। इसकी सिनेमैटोग्राफी भागवत पुरोहित ने की है, और संगीत अजमत खान ने तैयार किया है।