क्या विद्या बालन की किस्मत बदलने वाली फ़िल्म 'द डर्टी पिक्चर' थी?
सारांश
Key Takeaways
- विद्या बालन ने अपने करियर की शुरुआत कई चुनौतियों से की।
- 'द डर्टी पिक्चर' ने उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
- विद्या ने फ़िल्म में 100 से अधिक कॉस्ट्यूम बदले।
- इस फ़िल्म ने विद्या को न केवल पहचान दिलाई, बल्कि उन्हें नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
- इस फ़िल्म ने महिला केंद्रित कहानियों को प्रमोट किया।
मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। टेलीविजन, फ़िल्मों और बंगाली सिनेमा में कई बार अस्वीकृति का सामना करने के बाद विद्या बालन को हिंदी सिनेमा में पहली बार बड़ी पहचान फ़िल्म ‘परिणीता’ से मिली। यह यात्रा बिल्कुल भी सरल नहीं थी।
हिंदी फ़िल्म उद्योग में अभिनेत्रियों को काम पाने के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जहाँ उनके शारीरिक रूप और रंग को पहले निशाना बनाया जाता है। इन सभी कठिनाइयों के बावजूद, विद्या ने अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन एक ऐसी फ़िल्म आई जिसने उनकी ज़िंदगी की दिशा बदल दी। यह फ़िल्म विवादों में रही, लेकिन उनके बोल्ड और प्रभावशाली किरदार ने न केवल सुर्खियों में जगह बनाई, बल्कि उन्हें एक नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया।
यह फ़िल्म थी 'द डर्टी पिक्चर', जिसने विद्या के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इस फ़िल्म से मिली सफलता और पहचान, उनके करियर में किसी और फ़िल्म से नहीं मिल पाई। विद्या बालन 1 जनवरी को अपना 48वां जन्मदिन मनाएंगी और इस अवसर पर हम आपको उनकी फ़िल्म 'द डर्टी पिक्चर' से जुड़े कुछ अनोखे तथ्य बताएंगे, जो शायद आपने पहले नहीं सुने होंगे।
'द डर्टी पिक्चर' एक महिला केन्द्रित फ़िल्म थी, जिसमें इमरान हाशमी और तुषार कपूर के होते हुए भी सारी लाइमलाइट विद्या ने अपने नाम की। विद्या को यह फ़िल्म मिलने से पहले कंगना रनौत को ऑफर की गई थी, लेकिन बोल्ड स्क्रिप्ट सुनकर उन्होंने इसे ठुकरा दिया था, फिर भी फ़िल्म की सफलता के बाद उन्हें इसका पछतावा हुआ।
'द डर्टी पिक्चर' करना विद्या के लिए सरल नहीं था। अपने किरदार में ढलने के लिए उन्होंने 12 किलोग्राम वजन बढ़ाया और फ़िल्म की पूरी शूटिंग के दौरान लगभग 100 से अधिक कॉस्ट्यूम बदले। फ़िल्म की शूटिंग से पहले ही उनके किरदार के अनुसार 100 कॉस्ट्यूम तैयार किए गए थे।
इस फ़िल्म में बोल्ड सीन की भरपूरता थी, और विद्या के लिए इन सीन को करना आसान नहीं था। उन्होंने खुद बताया कि बोल्ड सीन के समय सेट पर अधिकतर महिलाएं मौजूद रहती थीं, चाहे वे कोरियोग्राफर हों या मेकअप मैन। सेट पर माहौल को हल्का बनाने के लिए महिलाओं की मौजूदगी के कारण सीन करना आसान हो जाता था।
18 से 20 करोड़ के बजट में बनी यह फ़िल्म सुपरहिट रही। हालांकि, यह फ़िल्म विवादों में रही लेकिन इसने 100 करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया। विद्या को फ़िल्म की सफलता का पूरा श्रेय मिला। इसके बाद उन्हें बैक-टू-बैक फ़िल्में मिलने लगीं। 'द डर्टी पिक्चर' के बाद वे 'कहानी', 'हमारी अधूरी कहानी', 'मिशन मंगल', और 'भूल भूलैया-3' जैसी फ़िल्मों में दिखाई दीं।