क्या उर्वशी रौतेला का लंदन एयरपोर्ट से बैग चोरी हुआ? ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा
 
                                सारांश
Key Takeaways
- उर्वशी रौतेला का सामान गैटविक एयरपोर्ट पर चोरी हुआ।
- सोशल मीडिया पर उनकी मदद की अपील की गई।
- यूजर्स ने उन्हें ट्रोल किया और इसे पब्लिसिटी स्टंट बताया।
- उर्वशी ने जेद्दा में 7 करोड़ की प्रस्तुति दी।
- उनका विंबलडन लुक चर्चा का विषय बना।
मुंबई, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री उर्वशी रौतेला हाल ही में विंबलडन महिला सिंगल के फाइनल मैच का आनंद लेने के लिए लंदन गई थीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि उनका सामान लंदन के गैटविक एयरपोर्ट पर चोरी हो गया है।
उर्वशी ने अपने इंस्टाग्राम पर मदद की अपील की और टिकट और बैग की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने दावा किया कि जब वह मुंबई से लंदन के लिए निकल रही थीं, तब उनका सामान गैटविक एयरपोर्ट पर चुराया गया। अभिनेत्री ने लंदन पुलिस और एमिरेट्स एयरवेज से मामले की जांच करने और उनका सामान लौटाने का अनुरोध किया।
जैसे ही उन्होंने यह पोस्ट किया, कई यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया और कहा कि यह सब केवल पब्लिसिटी के लिए किया जा रहा है। एक यूजर ने टिप्पणी की, "दीदी, वो स्पोंसर्ड था, वो वापस ले गए।"
किसी ने लिखा, "फ्री का होगा।" एक अन्य यूजर ने कहा, "विंबलडन से लौटते समय सामान खोने वाली पहली भारतीय।" वहीं एक और यूजर ने लिखा, "शायद आपके लाबुबू ने आपका बैग (चोरी कर लिया) ले लिया।"
गौरतलब है कि अभिनेत्री विंबलडन 2025 में एक आकर्षक व्हाइट ड्रेस में बार्बी डॉल लुक में पहुंची थीं। उर्वशी ने आइवरी रंग की मिडी-लेंथ ड्रेस पहनी थी, जिसका कोर्सेट स्टाइल का चोली था, लेकिन सभी की नजरें उनके हर्मीस हैंडबैग पर थीं, जिसे उन्होंने विभिन्न रंगों की चार लाबुबू डॉल से सजाया था।
वहीं, उर्वशी ने कुछ दिन पहले अरब के जेद्दा में एक शानदार प्रस्तुति दी थी, जिसके लिए उन्हें 7 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। उन्होंने वहां के अनुभव के बारे में बताया, "मुझे गर्व है कि मैं सऊदी अरब के जेद्दा में परफॉर्म करने वाली पहली भारतीय महिला कलाकार बन गई हूँ। यह पल सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि हर उस भारतीय महिला का है जो सपने देखने की हिम्मत रखती है।"
उन्होंने आगे कहा, "इतने प्रतिष्ठित मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह सिर्फ प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक सेतु है, महिला सशक्तीकरण का संदेश है, और कला के माध्यम से वैश्विक एकता को प्रदर्शित करता है।"
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            