क्या विनय राय ने रोमांटिक हीरो से बहुमुखी कलाकार बनने का सफर तय किया?

सारांश
Key Takeaways
- विनय राय ने अपने करियर की शुरुआत एक रोमांटिक हीरो के रूप में की।
- उन्होंने अपनी छवि को बदलकर विलेन का किरदार निभाने का निर्णय लिया।
- उनकी कहानी जिद और जुनून की है।
- विनय ने थुप्परीवलन में एक फिजिकल चैलेंज का सामना किया।
- उनकी फिल्में दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ती हैं।
मुंबई, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। साउथ इंडियन सिनेमा में विनय राय एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक रोमांटिक हीरो के रूप में की। उनकी मासूमियत और आकर्षक व्यक्तित्व ने उन्हें जल्दी ही दर्शकों के बीच पहचान दिला दी, लेकिन समय के साथ विनय ने अपनी छवि को बदलते हुए खुद को एक बहुमुखी कलाकार साबित किया।
विशेष रूप से विलेन के किरदारों में विनय ने खुद को इस तरह ढाला कि लोग उनके अभिनय के दीवाने हो गए। चाहे वह एंटी-हीरो की भूमिका हो या ग्रे-शेड वाला नेगेटिव कैरेक्टर, विनय राय ने हर बार यह साबित किया है कि उनके लिए अभिनय केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक जुनून है।
आज वे उन चुनिंदा कलाकारों में शामिल हैं जो अपनी स्क्रीन प्रेजेंस और दमदार परफॉर्मेंस से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ते हैं।
18 सितंबर 1979 को जन्मे विनय राय ने निर्देशक जीवा की फिल्म उन्नाले उन्नाले से वर्ष 2007 में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया। उन्हें ‘आईडेंटिटी’, ‘डॉक्टर’, ‘हनुमैन’, ‘कधलिक्का नेरामिल्लई’, ‘ईगल’, और ‘गांडीवधारी अर्जुन’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। विनय ने अपने करियर की शुरुआत तो एक रोमांटिक हीरो वाली फिल्म से की थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी इसी छवि को तोड़ने के लिए एक ऐसा फैसला लिया, जिसने उनके करियर को एक नया मोड़ दिया।
विनय ने विलेन यानी पर्दे पर खलनायक बनने का निर्णय लिया। इससे जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा भी है, जिसके बारे में एक इंटरव्यू में उन्होंने स्वयं बताया था। यह किस्सा केवल एक रोल बदलने का नहीं है, बल्कि एक कलाकार की उस जिद और जज्बे का है, जिसने दर्द को भी अपनी सफलता की सीढ़ी बना लिया।
वास्तव में, विनय राय खुद को एक ही तरह के किरदार में सीमित नहीं रखना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया कि वह अब विलेन की भूमिकाएं निभाएंगे और इसी फैसले ने उन्हें निर्देशक मिसस्किन की फिल्म ‘थुप्परीवलन’ में विलेन का किरदार दिलाया। यह किरदार उनके लिए केवल एक एक्टिंग चुनाव नहीं था, बल्कि एक फिजिकल चैलेंज भी बन गया था।
फिल्म की शूटिंग से ठीक पहले विनय को रग्बी खेलते हुए एक गंभीर चोट लग गई। उनके कंधे में इतना दर्द था कि वे अपना बायां हाथ मुश्किल से उठा पाते थे। फिल्म में एक बहुत मारधाड़वाला एक्शन सीन की शूटिंग होनी थी। विनय को पता था कि यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और वे इसे छोड़ना नहीं चाहते थे। दर्द के बावजूद, उन्होंने शूटिंग जारी रखने का फैसला किया। पूरी शूटिंग के दौरान, एक फिजियोथेरेपिस्ट उनके साथ मौजूद थे, जो उन्हें बार-बार दर्द से राहत देने के लिए उपचार करते थे।
विनय ने कई इंटरव्यू में बताया कि इस किरदार को निभाने के बाद उन्हें एक नई आजादी महसूस हुई। जहां एक हीरो को अपनी छवि का ख्याल रखना पड़ता है, वहीं विलेन के किरदार में उन्हें खुलकर काम करने का मौका मिला। उन्हें महसूस हुआ कि नेगेटिव रोल में एक्टिंग के लिए अधिक रूम होता है और यह उन्हें एक कलाकार के रूप में अधिक खुशी देता है।
‘थुप्परीवलन’ में विनय राय ने जो दर्द सहा, वह उनके करियर में एक नए अध्याय की शुरुआत का कारण बना।