क्या भगवती प्रसाद वर्मा के मामले में अदालत ने अभियोजन शिकायत का लिया संज्ञान?

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क्या भगवती प्रसाद वर्मा के मामले में अदालत ने अभियोजन शिकायत का लिया संज्ञान?

सारांश

धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत ईडी ने भगवती प्रसाद वर्मा के खिलाफ जांच शुरू की। अदालत ने अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया, जिससे सरकारी खजाने को हुए नुकसान का खुलासा हुआ। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • ईडी ने भगवती प्रसाद वर्मा के खिलाफ जांच शुरू की।
  • अदालत ने अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया।
  • सरकारी खजाने को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
  • 9 अचल संपत्तियाँ कुर्क की गई हैं।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

प्रयागराज, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रयागराज सब-जोनल ऑफिस ने भगवती प्रसाद वर्मा तथा अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के अंतर्गत 24 अप्रैल को विशेष न्यायालय (पीएमएलए) लखनऊ में अभियोजन शिकायत (पीसी) पेश की थी। अब अदालत ने इस पीसी का संज्ञान लिया है।

इस मामले में एसीबी और सीबीआई लखनऊ ने आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच प्रक्रिया आरंभ की। यह मामला 2007-2010 के बीच उत्तर प्रदेश के सात जिलों (बलरामपुर, गोंडा, महोबा, सोनभद्र, संत कबीर नगर, मिर्जापुर और कुशीनगर) में आधिकारिक पद का दुरुपयोग, आपराधिक साजिश और मनरेगा निधि के दुरुपयोग से संबंधित है।

ईडी की जांच में यह सामने आया कि तत्कालीन परियोजना निदेशक (डीआरडीए) एवं अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा, भगवती प्रसाद वर्मा और अतहर परवेज ने अन्य सरकारी अधिकारियों और निजी आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलीभगत करके संयुक्त समिति पंचायत उद्योग, चिनहट, लखनऊ और पंचायत उद्योग, झंझरी, गोंडा जैसी फर्मों से अत्यधिक दरों पर जॉब कार्ड, शिकायत पेटी, रजिस्टर, जनरेटर, टेंट, प्राथमिक चिकित्सा किट, पानी की टंकियां, साइनबोर्ड और मुद्रण सामग्री की खरीद की, जिससे सरकारी खजाने को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

जांच से यह भी पता चला कि अपराध की आय का सृजन और स्तरीकरण किया गया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर और कानपुर में स्थित 97.18 लाख29 नवंबर 2023

Point of View

जो कि हमारे देश की विकास प्रक्रिया को प्रभावित करता है। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें ऐसे मामलों में सजग रहना चाहिए और न्याय के साथ खड़ा होना चाहिए।
NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

भगवती प्रसाद वर्मा कौन हैं?
भगवती प्रसाद वर्मा तत्कालीन परियोजना निदेशक (डीआरडीए) और अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा हैं।
ईडी ने कब शिकायत दर्ज की थी?
ईडी ने 24 अप्रैल को विशेष न्यायालय लखनऊ में शिकायत दर्ज की थी।
इस मामले में क्या आरोप हैं?
मामले में आधिकारिक पद का दुरुपयोग, आपराधिक साजिश और मनरेगा निधि के दुरुपयोग के आरोप हैं।
कितनी संपत्तियाँ कुर्क की गई हैं?
इस मामले में 9 अचल संपत्तियाँ कुर्क की गई हैं जिनका मूल्य 97.18 लाख रुपए है।
क्या अदालत ने अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया?
हाँ, अदालत ने अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया है।