क्या जुबीन गर्ग केस के चलते बक्सा जेल के बाहर हिंसक झड़प हुई?

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क्या जुबीन गर्ग केस के चलते बक्सा जेल के बाहर हिंसक झड़प हुई?

सारांश

गुवाहाटी में जुबीन गर्ग की मौत से जुड़े मामले के आरोपियों को जेल लाने पर बक्सा में हिंसक प्रदर्शन हुए। जानिए क्या हुआ!

Key Takeaways

  • जुंबीन गर्ग केस से जुड़ी हिंसा ने असम में तनाव बढ़ा दिया है।
  • निषेधाज्ञा लागू होने के बाद भीड़ ने पुलिस पर हमला किया।
  • पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
  • जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी कर सभी रैलियों पर प्रतिबंध लगाया।
  • अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा।

गुवाहाटी, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के बक्सा जिले की जेल के बाहर उस समय हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़का, जब जुबीन गर्ग की मौत से जुड़े मामले के पांच आरोपियों को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच जेल लाया गया।

जैसे ही जुबीन के प्रशंसकों को इस घटनाक्रम की जानकारी मिली, वहां लोगों की एक बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई। बक्सा डिस्ट्रिक्ट जेल के बाहर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों समेत सात वाहनों में आग लगा दी, और पत्थरबाजी के दौरान कई लोग घायल हो गए।

बढ़ते तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने शांति बहाली के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी।

बताया जा रहा है कि स्थिति तब और बिगड़ गई जब बक्सा जिला जेल के बाहर उत्तेजित भीड़ ने श्यामकानु महंत और जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ सरमा को जनता के सामने पेश करने की मांग करने लगी।

भीड़ ने पथराव किया, जिससे एक महिला पुलिस अधिकारी घायल हुई और पुलिस काफिले के कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलाईं और कई लोगों को गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने के आरोप में हिरासत में लिया गया।

जिला मजिस्ट्रेट गौतम दास ने तुरंत एक आदेश जारी कर बक्सा जेल के 500 मीटर के दायरे में सभी प्रकार की रैलियों, प्रदर्शनों और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया। इस आदेश में लाठी, खंजर, भाले, और तलवार जैसे हथियार ले जाने के साथ-साथ पत्थर या पटाखों सहित किसी भी ज्वलनशील पदार्थ ले जाने या इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है।

यह चेतावनी भी जारी की गई है कि अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह निषेधाज्ञा तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और अगली सूचना तक लागू रहेगी।

इससे पहले, कामरूप जिले की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अदालत ने सभी पांचों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अदालत ने पुलिस को सुरक्षा कारणों से आरोपियों को गुवाहाटी सेंट्रल जेल में न रखने का भी निर्देश दिया। अदालत के आदेश के अनुसार, पुलिस ने जुबीन गर्ग की मौत से जुड़े मामले के सभी आरोपियों को रखने के लिए बक्सा सेंट्रल जेल का चयन किया।

Point of View

यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह समाज में बढ़ती असहिष्णुता का भी संकेत देती है। हमें चाहिए कि हम सभी को एकजुट होकर शांति और सहिष्णुता का संदेश फैलाने का प्रयास करें।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

बक्सा जेल में क्या हुआ?
जुबीन गर्ग की मौत से जुड़े मामले के आरोपियों को जेल लाने पर बक्सा जेल के बाहर हिंसक प्रदर्शन हुए।
क्या पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की?
हाँ, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलाईं और कई को हिरासत में लिया।
निषेधाज्ञा का क्या मतलब है?
निषेधाज्ञा का मतलब है कि किसी क्षेत्र में रैलियों और प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
क्या आरोपियों को हिरासत में लिया गया है?
जी हाँ, अदालत ने सभी पांचों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
क्या जुबीन गर्ग केस से जुड़ी कोई नई जानकारी है?
अभी तक कोई नई जानकारी नहीं आई है, पर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।