क्या अचानक चेहरा टेढ़ा होना फेस स्ट्रोक का संकेत है? जानें आयुर्वेदिक उपाय

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क्या अचानक चेहरा टेढ़ा होना फेस स्ट्रोक का संकेत है? जानें आयुर्वेदिक उपाय

सारांश

क्या आपको पता है कि अचानक चेहरा टेढ़ा होने पर क्या करना चाहिए? यह फेस स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। जानें आयुर्वेदिक उपाय और घरेलू नुस्खे जो आपकी मदद कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • फेस स्ट्रोक के लक्षणों पर ध्यान दें।
  • आयुर्वेदिक उपचार अपनाएँ।
  • रोजाना योग और व्यायाम करें।
  • संतुलित आहार लें।
  • तनाव कम रखने का प्रयास करें।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अगर अचानक आपका चेहरा टेढ़ा हो जाता है, होंठ या आंख का हिस्सा हिलना बंद कर देता है या मुस्कुराते समय चेहरा एक तरफ झुक जाता है, तो यह फेस स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। आयुर्वेद में इसे अर्धांग वायुरोग कहा गया है। इसमें चेहरे की नसें प्रभावित होती हैं और चेहरे की एक तरफ की मांसपेशियाँ ढीली पड़ जाती हैं।

फेस स्ट्रोक के मुख्य कारणों में वात दोष का असंतुलन, ठंडी हवा, अनियमित दिनचर्या, तनाव और अधिक शारीरिक परिश्रम शामिल हैं। इसके अलावा, नसों में रक्त प्रवाह की बाधा, वायरल संक्रमण, डायबिटीज, हाई बीपी, स्ट्रोक या नींद की कमी भी जिम्मेदार हो सकती हैं।

इसकी पहचान चेहरे का एक तरफ झुकना, होंठों से हवा न निकल पाना, आंखें पूरी तरह बंद न होना, स्वाद में कमी, सुन्नपन, झनझनाहट और बोलने में अस्पष्टता से की जा सकती है।

आयुर्वेद में इसे ठीक करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। सबसे पहले अभ्यंग (तेल मालिश) बेहद फायदेमंद है। महा नारायण तेल, तिल तेल या दशमूल तेल से हल्की मालिश करने से रक्त प्रवाह सुधरता है और मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं। रोजाना सुबह या स्नान से पहले 10-15 मिनट की मालिश करनी चाहिए। दूसरा उपाय है नस्य उपचार, जिसमें अनुतैलम या शद्विंदु तेल की 2-2 बूंदें दोनों नासिका छिद्र में डालने से मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह बढ़ता है और नसें मजबूत होती हैं। स्वेदन यानी भाप चिकित्सा से जकड़ी नसें खुलती हैं और सुन्नपन कम होता है।

गंभीर मामलों में पंचकर्म चिकित्सा जैसे बस्ती (औषधीय एनिमा), शिरोधारा और नस्य मिलाकर तंत्रिकाओं को पुनर्जीवित किया जा सकता है। इसके अलावा, हर्बल औषधियाँ जैसे अश्वगंधा चूर्ण, रसनादि कषाय, योगराज गुग्गुलु और बलारिष्ट नसों की शक्ति बढ़ाने और सूजन कम करने में मदद करती हैं।

योग और प्राणायाम भी उपयोगी हैं। मुख व्यायाम जैसे मुस्कुराना, होंठ फुलाना, आंखें बंद-खोलना, भ्रामरी प्राणायाम और अनुलोम-विलोम रक्त प्रवाह और नसों की क्रियाशीलता बढ़ाते हैं। सिंहासन चेहरे की मांसपेशियों को सक्रिय करता है।

इसके अलावा, आहार में गर्म, ताजा और सुपाच्य भोजन लें। मूंग दाल, घी, दूध, तिल, बादाम, हरी सब्जियाँ, अदरक, लहसुन और हल्दी शामिल करें। ठंडी चीजें, बर्फ, कोल्ड ड्रिंक, जंकफूड और अधिक मसाले या तैलीय पदार्थ न खाएं। गुनगुने पानी से चेहरे की हल्की सिकाई करें, दिन में दो बार अदरक और तुलसी का काढ़ा पिएं, नींद पूरी लें और तनाव कम रखें।

Point of View

यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समय पर निदान और उपचार आवश्यक है। समाज की भलाई के लिए जरूरी है कि हम इन लक्षणों के प्रति जागरूक रहें और आयुर्वेद जैसे प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों का सहारा लें।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

फेस स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
फेस स्ट्रोक के प्रमुख लक्षणों में चेहरे का एक तरफ झुकना, होंठों से हवा का न निकल पाना, और बोलने में अस्पष्टता शामिल हैं।
फेस स्ट्रोक का इलाज कैसे किया जा सकता है?
आयुर्वेद में अभ्यंग, नस्य उपचार और पंचकर्म जैसी विधियाँ फेस स्ट्रोक के उपचार में सहायक होती हैं।