क्या दिल्ली में मलेशियाई दूतावास में आसियान बाजार 2025 का आयोजन अद्भुत था?

सारांश
Key Takeaways
- आसियान बाजार 2025 में 15-16 देशों की भागीदारी।
- पारंपरिक हस्तशिल्प और खाद्य प्रदर्शन का अद्भुत संगम।
- सांस्कृतिक एकता और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा।
- दिल्लीवासियों के लिए एशियाई संस्कृति का अनूठा अनुभव।
- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी।
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मलेशियाई दूतावास में शनिवार को आसियान बाजार 2025 का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर विभिन्न एशियाई देशों के उत्पादों, पारंपरिक हस्तशिल्प, खाद्य प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का मनमोहक प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही देशी और विदेशी आगंतुकों की भीड़ उमड़ी।
इस बार के आयोजन में लगभग 15 से 16 देशों ने भाग लिया, जिसमें भारत और मलेशिया की भागीदारी विशेष रूप से सराहनीय रही। बाजार में बहुराष्ट्रीय स्टॉलों पर पारंपरिक वस्त्र, आभूषण, हस्तशिल्प और प्रामाणिक व्यंजन देखने को मिले। आगंतुकों ने दक्षिण-पूर्व एशिया की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आनंद लिया।
आगंतुक मृत्युंजय मिश्रा ने कहा, “मैंने केवल मलेशिया ही नहीं, बल्कि कई अन्य एशियाई देशों का भी दौरा किया है। मलेशिया के उत्पादों का विपणन और प्रस्तुतिकरण बेहद प्रभावशाली है। भारतीय और मलेशियाई दोनों प्रदर्शकों की भागीदारी प्रशंसनीय रही। यह आयोजन सांस्कृतिक आदान-प्रदान का उत्कृष्ट उदाहरण है।”
उन्होंने आगे कहा, “लगभग 15 या 16 देश इस बाजार में भाग ले रहे हैं और प्रदर्शनियां अद्भुत हैं। मैं सभी प्रतिभागियों को भविष्य के लिए और भी अधिक सफलता की शुभकामनाएं देता हूं।”
कोलंबिया के राजदूत विक्टर एचेवेरी ने कहा, “आज का दिन बेहद उत्सवपूर्ण रहा। मैं अपने परिवार के साथ इस रंगीन और जीवंत बाजार का आनंद लेने आया हूं। यहां सब कुछ स्वाद, रंग और संस्कृति से भरा हुआ है। विभिन्न देशों के प्रदर्शन अपनी विशिष्ट परंपराओं और जीवनशैली की झलक प्रस्तुत कर रहे हैं। यह आयोजन वास्तव में दक्षिण पूर्व एशियाई संस्कृति की आत्मा को प्रदर्शित करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि “बाजार में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों समुदायों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। विशेष रूप से हस्तशिल्प प्रदर्शन बेहद सुंदर हैं, यही एक मुख्य कारण है कि हम आज दोपहर यहां आए।”
कुल मिलाकर, आसियान बाजार 2025 ने न केवल आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को प्रोत्साहित किया, बल्कि विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक एकता और मैत्रीपूर्ण संबंधों को भी मजबूत किया। इस आयोजन ने दिल्लीवासियों को एशियाई संस्कृति, स्वाद और परंपराओं का अद्भुत संगम देखने का अवसर प्रदान किया।