क्या अपराजिता के पुष्प केवल 'मां' को भाते हैं या बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी है बेहद गुणकारी?

सारांश
Key Takeaways
- अपराजिता के फूल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
- इनके आयुर्वेदिक गुण कई रोगों के उपचार में सहायक होते हैं।
- तनाव और चिंता को दूर करने में मददगार।
- आंखों के लिए भी लाभकारी।
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्वास्थ्यवर्धक।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अपराजिता के फूल (बटरफ्लाई पी) नीले या सफेद रंग में खिलते हैं। ये फूल न केवल अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से भी इनका विशेष स्थान है। इनके सेवन से स्वास्थ्य को अनेक लाभ मिलते हैं।
हिंदू धर्म में इसे अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि अपराजिता के पौधे को घर में लगाने से सुख और समृद्धि का आगमन होता है, क्योंकि यह कई देवी-देवताओं को प्रिय है।
अपराजिता के फूल भगवान शिव, भगवान विष्णु, मां दुर्गा, माता लक्ष्मी, शनि देव और हनुमान जी को चढ़ाना शुभ माना जाता है। इससे जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
यह फूल केवल धार्मिक दृष्टि से ही लाभकारी नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक गुणों का भंडार भी है। आयुर्वेद में इसके फूल, पत्ते और जड़ का उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है। इसको सही ढंग से उपयोग करने से शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं।
आयुर्वेद में अपराजिता के फूल के कई उपयोग बताए गए हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :-
अपराजिता के फूलों में प्राकृतिक एंथोसायनिन वर्णक पाया जाता है, जो शरीर के लिए लाभकारी है।
अपराजिता के फूल और जड़ का उपयोग स्मरण शक्ति बढ़ाने और दिमाग को सक्रिय करने में सहायक होता है। यह तनाव, चिंता और अनिद्रा को दूर करता है।
पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव या अनियमित पीरियड्स की समस्या में अपराजिता का फूल उपयोगी है।
अपराजिता आंखों के लिए भी लाभकारी है, और कंजेक्टिवाइटिस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
अपराजिता के फूलों में मौजूद एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण रोकने और घाव जल्दी भरने में सहायक होते हैं।
अपराजिता के फूल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। यह वजन घटाने और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। साथ ही हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी सहायक होते हैं।