क्या बचपन में चीनी का सेवन कम करने से बड़े होने पर दिल धोखा नहीं देगा?
सारांश
Key Takeaways
- प्रारंभिक जीवन में चीनी का सेवन सीमित करें।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए सही आहार का चयन करें।
- मधुमेह और उच्च रक्तचाप से बचें।
- बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाएं।
- अध्ययन के निष्कर्षों पर ध्यान दें।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे-जैसे शिशु के स्वाद ग्रंथियों का विकास होता है, उसकी पसंद और नापसंद भी स्पष्ट होने लगती है। अधिकांश छोटे बच्चे मीठे खाने के शौकीन होते हैं। लेकिन अगर इस मीठे का सेवन प्रारंभिक अवस्था में नियंत्रित किया जाए, तो बड़े होने पर दिल धोखा नहीं देता। यह एक अध्ययन में सामने आया है।
यूके के एक अध्ययन में यह देखा गया है कि गर्भावस्था और बचपन के प्रारंभिक चरण में चीनी का सेवन सीमित करने से वयस्कता में हृदय रोग का जोखिम कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है।
यह निष्कर्ष युद्ध के बाद की चीनी राशनिंग युग में पैदा हुए 63,000 से अधिक वयस्कों के व्यापक विश्लेषण से निकाला गया है।
शोधकर्ताओं ने उन माताओं से जन्मे वयस्कों का अध्ययन किया जो 1950 के दशक की शुरुआत में ब्रिटेन में चीनी राशनिंग के दौर में थीं। उस समय गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 40 ग्राम से कम चीनी लेने की अनुमति थी और दो साल से कम उम्र के बच्चों को कोई अतिरिक्त चीनी नहीं दी जाती थी।
उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड को देखते हुए, वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रारंभिक चरण में सीमित चीनी सेवन और बेहतर हृदय स्वास्थ्य के बीच एक स्पष्ट संबंध है।
हाल ही में किए गए इस अध्ययन में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए: जिन प्रतिभागियों ने जन्म से लेकर दो साल की उम्र तक चीनी का सेवन कम किया, उनमें हृदय रोग का कुल जोखिम 20 प्रतिशत, दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 25 प्रतिशत, हृदय गति रुकने का जोखिम 26 प्रतिशत, एट्रियल फिब्रिलेशन का जोखिम 24 प्रतिशत, स्ट्रोक का जोखिम 31 प्रतिशत और हृदय रोग से मृत्यु का जोखिम 27 प्रतिशत कम पाया गया।
ये निष्कर्ष इस बात पर जोर देते हैं कि प्रारंभिक जीवन में आहार में छोटे-छोटे बदलाव भी जीवनभर हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि चीनी का कम सेवन मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों को रोककर अप्रत्यक्ष रूप से दिल की रक्षा कर सकता है, जो हृदय रोग के मुख्य कारणों में से एक है।
शोधकर्ताओं ने आगाह किया कि अध्ययन एक निश्चित कारण-और-प्रभाव संबंध स्थापित नहीं करता है। फिर भी, परिणाम इस विचार का समर्थन करते हैं कि गर्भावस्था और बच्चे के शुरुआती वर्षों में चीनी का कम सेवन लंबे समय तक स्वस्थ रहने में मदद करता है।
हालांकि इन निष्कर्षों की पुष्टि के लिए और शोध की आवश्यकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह अध्ययन इस बात के ठोस प्रमाण प्रस्तुत करता है कि प्रारंभिक जीवन में पोषण वयस्कों के हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखता है।