क्या पुष्करमूल दर्द और सूजन में लाभकारी है? ऐसे सेवन करने से खत्म होंगे रोग

सारांश
Key Takeaways
- पुष्करमूल के अद्भुत औषधीय गुण
- सांस की समस्याओं में राहत
- हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
- पाचन में सुधार
- दर्द और सूजन से राहत
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमालय के क्षेत्र में कई ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं, जो सदियों से हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाई जा रही हैं। इसके साथ ही, आयुर्वेद की प्राचीन पद्धतियों को आज फिर से अपनाया जा रहा है और लोग इसका सहारा ले रहे हैं।
इनमें से एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है पुष्करमूल, जो कई प्रकार की बीमारियों का स्थायी समाधान प्रदान करता है।
पुष्करमूल का नाम शायद ही किसी ने सुना हो। इसका आकार सूरजमुखी के फूल जैसा होता है, लेकिन इसके गुण उससे पूरी तरह भिन्न हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और ब्रोन्कोडायलेटर जैसे गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यह त्वचा और बालों के लिए भी लाभकारी है, हृदय रोगों से सुरक्षा करता है और सांस संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
यदि आपको सांस लेने में समस्या है, तो पुष्करमूल का सेवन किया जा सकता है। यह सांस की नली को खोलने में मदद करता है और संक्रमण से बचाता है। यह फेफड़ों को स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है। इसके लिए, पुष्करमूल चूर्ण को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। इसके अलावा, यह खांसी, जुकाम और बुखार में भी मदद करता है।
आयुर्वेद में हृदय की समस्याओं के लिए कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख किया गया है, लेकिन पुष्करमूल को सबसे प्रभावी माना गया है। इसके सेवन से बीपी नियंत्रित होता है और हृदय की मांसपेशियों में मजबूती आती है। यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से भी रोकता है।
इसके लिए, पुष्करमूल चूर्ण को अकरकरा चूर्ण, शृंग भस्म और वंश लोचन चूर्ण के साथ मिलाकर लेना लाभकारी होगा। सभी चूर्ण को आधा-आधा चम्मच मिलाकर रात में खाने से पहले लेना चाहिए। पेट संबंधी समस्याओं के लिए भी पुष्करमूल लाभकारी है। यह आंतों में सूजन, कब्ज, बार-बार पेट खराब होना, गैस बनना और खट्टी डकार आने की समस्या में राहत प्रदान करता है। इसके लिए, पुष्करमूल चूर्ण को गर्म पानी या नींबू के रस के साथ लेना चाहिए। यह भूख बढ़ाने और पाचन में सुधार करता है।
यदि शरीर के किसी हिस्से में सूजन और दर्द हो, तो भी पुष्करमूल लाभकारी है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द से राहत देते हैं। इसे मांसपेशियों की सूजन, जोड़ों के दर्द और गाठिया की समस्या में भी लिया जा सकता है। इसे लेप के रूप में भी लगाया जा सकता है और पानी के साथ भी सेवन किया जा सकता है।