क्या सर्दी-जुकाम से बचने के लिए रोजाना करना चाहिए ये 5 योगासन?

सारांश
Key Takeaways
- योग से इम्युनिटी बढ़ती है।
- सर्दी-जुकाम से लड़ने के लिए योगासन फायदेमंद हैं।
- योग से पाचन में सुधार होता है।
- योग से तनाव कम होता है।
- नियमित योगाभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे ही मौसम में परिवर्तन होता है, कई लोगों को पहले ही गले में खराश, नाक बहना, छींक आना और बदन दर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ये सभी लक्षण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को दर्शाते हैं। जिनकी इम्युनिटी सामान्य से थोड़ी कम होती है, उन्हें मौसम के छोटे से बदलाव से भी बीमार होने का खतरा होता है।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोग इस समस्या का सामना कर सकते हैं। यदि हम अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भीतर से मजबूत कर लें, तो बीमार होने की संभावना काफी हद तक घट जाती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग इम्यूनिटी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित योगाभ्यास से शरीर के आंतरिक अंगों को ऑक्सीजन और पोषण बेहतर तरीके से मिलता है।
योग न केवल फेफड़ों को मजबूत करता है, बल्कि पाचन और रक्त संचार में भी सुधार करता है। इन सभी का हमारे इम्यून सिस्टम पर सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अधोमुख श्वानासन: यह योगाभ्यास अत्यंत प्रभावी है। जब आप इसे करते हैं, तो शरीर उल्टे वी आकार में आ जाता है, जिससे रक्त प्रवाह सिर और छाती की ओर बढ़ता है। यह मुद्रा नाक और फेफड़ों की सफाई में मदद करती है और सांस लेने की क्षमता को सुधारती है। इससे गले और छाती में जमा कफ बाहर निकलता है, जो सर्दी-जुकाम में राहत प्रदान करता है।
उष्ट्रासन: जब आप इस आसन में अपने शरीर को पीछे की ओर झुकाते हैं और एड़ियों को पकड़ते हैं, तो छाती पूरी तरह खुल जाती है। यह आसन फेफड़ों को विस्तार देने में मदद करता है और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है। ठंडी हवा में सांस लेने के दौरान जो असुविधा होती है, वह धीरे-धीरे कम हो जाती है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को भी लचीला बनाता है और थकान को दूर करता है।
मत्स्यासन: इस आसन में शरीर मछली के आकार में आ जाता है और छाती में खिंचाव आता है। यह खिंचाव बलगम को बाहर निकालने में मददगार होता है। जब आप इस मुद्रा में गहरी सांस लेते हैं, तो फेफड़ों की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ती है और सर्दी-जुकाम से जल्दी राहत मिलती है।
हलासन: हलासन के कई लाभ हैं। जब आप अपने पैरों को सिर के पीछे ले जाते हैं, तो शरीर की नसें और मांसपेशियां पूरी तरह खिंचती हैं। यह आसन पाचन तंत्र को सक्रिय करता है, जो इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है। साथ ही, यह थकान और तनाव को कम करता है, जो अक्सर सर्दी के साथ बढ़ जाता है।
शीर्षासन: इस आसन में जब आप सिर के बल खड़े होते हैं, तो पूरे शरीर का रक्त प्रवाह सिर की ओर होता है। इससे दिमाग, आंखों, नाक और कान तक बेहतर ऑक्सीजन पहुंचती है। यह आसन सर्दी, जुकाम और सिरदर्द से राहत देने के साथ-साथ पूरे तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है।