क्या सर्दियों में जोड़ों की अकड़न से राहत दिलाएंगे ये 3 असरदार योगासन?

सारांश
Key Takeaways
- भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।
- त्रिकोणासन जोड़ों में लचीलापन बढ़ाता है।
- गोमुखासन कंधों और कूल्हों की अकड़न को दूर करता है।
- योगासन दर्द को कम करते हैं।
- सर्दियों में स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उपयोगी हैं।
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मौसम में बदलाव का असर हमारे शरीर पर पड़ता है, विशेषकर जोड़ों में दर्द और अकड़न की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। सर्दियों में यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे बुजुर्ग और जोड़ों से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोग विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। आयुष मंत्रालय के अनुसार, योगासन इस समस्या का एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय हो सकता है। यह जोड़ों का लचीलापन बढ़ाने और दर्द को कम करने में मददगार साबित होता है। योग न केवल शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी घटाता है।
भुजंगासन: भुजंगासन रीढ़ की हड्डी के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस आसन को करने के लिए व्यक्ति को पेट के बल लेटना होता है और हाथों की हथेलियों को छाती के पास रखकर धीरे-धीरे छाती को ऊपर उठाना होता है। यह आसन कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाता है। जो लोग कमर दर्द या गर्दन और कंधों में अकड़न महसूस करते हैं, उनके लिए यह आसन बेहद फायदेमंद साबित होता है। इससे जोड़ों की सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
त्रिकोणासन: त्रिकोणासन जोड़ों के लिए अत्यंत उपयोगी है, विशेषकर कूल्हों, घुटनों और टखनों की अकड़न दूर करने में यह आसन मदद करता है। इस आसन में व्यक्ति को सीधे खड़े होकर अपने पैरों को थोड़ा अलग रखकर, एक पैर को बाहर की ओर मोड़ना होता है। फिर शरीर को झुकाकर उस दिशा की ओर हाथ को जमीन से छूने की कोशिश करनी होती है, जबकि दूसरा हाथ ऊपर की ओर होता है। गर्दन को ऊपर की ओर घुमाकर देखने से यह आसन शरीर के कई जोड़ों को खींचता है और उनमें लचीलापन बढ़ाता है। नियमित अभ्यास से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
गोमुखासन: गोमुखासन खासतौर पर कंधों और कूल्हों की अकड़न को दूर करने के लिए जाना जाता है। यह बैठकर किया जाने वाला एक प्रभावी योगासन है। इसमें एक पैर को मोड़कर दूसरे पैर के नीचे रखा जाता है और दोनों हाथों को पीठ के पीछे से मिलाने की कोशिश की जाती है। इस प्रक्रिया से कंधों और कूल्हों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और उनकी गति में सुधार आता है। जो लोग अपने कंधों और कूल्हों में जकड़न महसूस करते हैं, उनके लिए यह आसन बहुत सहायक होता है। साथ ही, यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा और मजबूत बनाए रखने में भी मदद करता है।