क्या सर्दी में खांसी-जुकाम से परेशान हैं? ये तीन योगासन पहुंचाएंगे राहत
सारांश
Key Takeaways
- उत्तानासन से रक्त प्रवाह में सुधार होता है।
- अधोमुख श्वानासन से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- सेतुबंधासन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
- योग नियमित करने से मानसिक तनाव कम होता है।
- सर्दियों में योग से जुकाम और खांसी के लक्षण कम होते हैं।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सहायक नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति, रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) और श्वसन प्रणाली को सुधारने में भी योगदान देता है। खासकर सर्दियों में जुकाम और खांसी से राहत पाने के लिए योग अत्यधिक प्रभावी सिद्ध होता है।
योग का नियमित अभ्यास शरीर के रक्त-संचार को बेहतर करता है, फेफड़ों और श्वसन नलियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, और तनाव को कम करता है।
आयुष मंत्रालय द्वारा प्रतिदिन 30 मिनट योग और प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है। कुछ विशेष आसन हैं जिन्हें खांसी-जुकाम से प्रभावित व्यक्ति राहत के लिए आजमा सकते हैं।
उत्तानासन: इस आसन का अभ्यास खांसी-जुकाम में राहत देने में मदद करता है। यह आसन रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और सांस की नलियों को आराम देता है। जब सांस का मार्ग खुला होता है, तो नाक की बंदी और गले में जकड़न कम होती है। यह आसन शरीर में गर्मी पैदा करता है, जिससे जुकाम और ठंड के कारण होने वाली समस्याएं घटती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तानासन मानसिक तनाव को कम करता है और तनाव कम होने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
अधोमुख श्वानासन: यह आसन भी खांसी-जुकाम में लाभकारी है। इससे शरीर के ऊपरी हिस्से में खिंचाव आता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है। जब फेफड़े सही ढंग से कार्य करते हैं, तो सांस लेना आसान हो जाता है और गले में जमाव का अनुभव नहीं होता। यह आसन शरीर में रक्त का संचार बढ़ाता है, जिससे संक्रमण से लड़ने वाले सफेद रक्त कणों की संख्या में वृद्धि होती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, नियमित रूप से इस आसन को करने से सर्दियों में खांसी और जुकाम के लक्षण कम होते हैं और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
सेतुबंधासन: यह आसन भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और नाक की बंदी को कम करने में सहायक है। इससे रक्त का प्रवाह सिर और छाती की ओर जाता है, जिससे गले और फेफड़ों में ताजगी आती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें बार-बार सर्दी-जुकाम या नाक बंद होने की समस्या होती है। यह आसन शरीर में ऊर्जा उत्पन्न करता है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाता है।