क्या सर्दी और जुकाम से परेशान हैं? ये आयुर्वेदिक उपाय देंगे राहत
सारांश
Key Takeaways
- आयुर्वेदिक काढ़ा से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है।
- भाप लेना श्वसन नलियों के लिए फायदेमंद है।
- गर्म पानी पीने से संक्रमण से बचाव होता है।
- मुलेठी का काढ़ा पुरानी खांसी को खत्म करता है।
- सरसों के तेल की मालिश से शरीर गर्म रहेगा।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बदलते मौसम में सर्दी, खांसी और जुकाम से बचना बहुत आवश्यक है। अक्टूबर का महीना आते ही सर्दी और जुकाम की समस्या बढ़ने लगती है, क्योंकि मौसम की गतिविधियां हवाओं में महसूस होने लगती हैं। इस समय बच्चे और बड़े दोनों ही संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। सर्दी और जुकाम से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा और गर्म पानी का सेवन गले को साफ रखने में बहुत सहायक होता है और कफ से राहत प्रदान करता है।
सर्दी-खांसी और जुकाम तब ही परेशान करते हैं, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रहती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विटामिन सी, ओमेगा फैटी एसिड और विटामिन डी का सेवन आवश्यक है, लेकिन अगर बदलते मौसम के साथ सर्दी-खांसी और जुकाम बढ़ रहे हैं, तो अदरक, काली मिर्च, हल्दी और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार पीना चाहिए।
काढ़े का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें असली शहद का भी उपयोग कर सकते हैं।
सर्दी-खांसी और जुकाम से राहत पाने के लिए भाप लेना बहुत प्रभावी उपाय है। अगर जुकाम और नाक बंद होने की समस्या है, तो नाक से भाप को अंदर लेना चाहिए। यह उपाय श्वसन नलियों को खोलने में मदद करेगा और यदि बलगम और खांसी की समस्या है, तो मुंह के रास्ते से भाप लेना चाहिए।
इससे छाती में जमी बलगम बाहर आना शुरू हो जाएगी और खांसी में भी राहत मिलेगी। यह उपाय बड़े और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है।
पूरे दिन हल्का गर्म पानी पीने से शरीर गर्म रहेगा और संक्रमण से भी बचाव होगा। इसके अलावा, सरसों के तेल की कुछ बूंदें नाक में डालने से भी जुकाम में राहत मिलती है।
यदि खांसी और सर्दी में जकड़न हो रही है, तो इसके लिए मुलेठी का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। मुलेठी पुरानी से पुरानी खांसी को भी खत्म करने की शक्ति रखती है।
इसके अतिरिक्त, सरसों के तेल में अजवाइन और लहसुन डालकर तेल को गर्म करें और सोने से पहले गर्दन और छाती पर मालिश करें। यह उपाय शरीर को गर्म बनाए रखने में मदद करेगा।