क्या बार-बार जुकाम हो रहा है? इन आयुर्वेदिक नुस्खों से मिलेगी राहत!

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क्या बार-बार जुकाम हो रहा है? इन आयुर्वेदिक नुस्खों से मिलेगी राहत!

सारांश

क्या आप भी बार-बार जुकाम से परेशान हैं? जानिए आयुर्वेद के आसान और प्रभावी नुस्खे जो बिना साइड इफेक्ट के आपको राहत देंगे। सर्दी में जुकाम से बचने के उपाय और घरेलू नुस्खों के बारे में जानें, ताकि आप स्वस्थ रह सकें।

Key Takeaways

  • सर्दी के मौसम में जुकाम आम है।
  • आयुर्वेदिक नुस्खे से बिना साइड इफेक्ट के राहत मिलती है।
  • अदरक, तुलसी और हल्दी का प्रयोग करें।
  • हाथ धोना और सही खान-पान जरूरी है।
  • नींद और तनाव का ध्यान रखें।

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दी और जुकाम कोई नया अनुभव नहीं है। जैसे ही मौसम बदलता है, छींक, नाक बहना, सिर भारी होना और गले में खराश शुरू हो जाती है। ऐसे समय में शरीर की विशेष देखभाल और आराम की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जो किसी भी साइड इफेक्ट के बिना सर्दी-जुकाम को ठीक करते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, जुकाम तब होता है जब शरीर में कफ दोष बढ़ जाता है और प्रतिरोधक शक्ति कमजोर पड़ जाती है। आधुनिक विज्ञान के अनुसार, यह एक वायरल संक्रमण है, जो प्रायः राइनोवायरस के कारण होता है। जब यह वायरस हवा या छींक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, तो शरीर म्यूकस बनाकर अपनी सुरक्षा करता है, जिससे नाक बहने और छींक आने लगती है।

अब बात करें इसके कारणों की, तो ठंडी हवा, बारिश, अचानक तापमान में परिवर्तन या ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम और ठंडा दूध इसके प्रमुख कारण हैं। नींदतनाव और प्रदूषण भी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देते हैं, जिससे जुकाम होने की संभावना बढ़ जाती है। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहना या उसके इस्तेमाल की गई चीजों को छूना भी संक्रमण फैलाने का कारण बन सकता है।

जुकाम के लक्षणों में नाक बंद या बहना, सिरदर्द, बदन दर्द, गले में खराश, खांसी और कभी-कभी हल्का बुखार भी शामिल होता है।

बचाव के उपाय बेहद सरल हैं। सबसे पहले, मौसम के अनुसार कपड़े पहनें और गले और सिर को ठंड से बचाएं। बार-बार हाथ धोएं, क्योंकि संक्रमण का सबसे बड़ा कारण हमारे हाथ ही होते हैं। पर्याप्त नींद लें, क्योंकि नींद ही शरीर की प्राकृतिक दवा है। ठंडी चीजों, धुएं और धूल से बचें। दिन में दो से तीन बार गर्म पानी पिएं और भाप लेना शुरू करें। इससे सांस की नलियां साफ रहती हैं और वायरस जल्दी मर जाते हैं।

यदि जुकाम हो जाए, तो सुबह और शाम 1 चम्मच अदरक का रस और शहद मिलाकर लें, यह गले की खराश और खांसी दोनों में राहत देता है। तुलसी-गिलोय का काढ़ा पिएं, यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है। नींबू पानी या आंवला रस रोज लें, क्योंकि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर को संक्रमण से बचाता है। लहसुन को सरसों तेल में गर्म करके छाती पर हल्की मालिश करें, यह बंद नाक और जकड़न को खोलता है। रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं, इससे शरीर में गर्मी बनी रहती है और वायरस दूर रहते हैं।

इसके साथ ही अपने खान-पान का भी ध्यान रखें। जुकाम के दौरान दही, ठंडा दूध, मीठा या बासी खाना न खाएं। इसके बजाय गर्म सूप, मूंग की खिचड़ी, अदरक चाय और तुलसी पानी लेना बेहतर है।

Point of View

जिसका समाधान आयुर्वेद में आसानी से मिल सकता है। मौसम के बदलाव के साथ यह समस्या बढ़ती है, लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए सही उपाय अपनाने से हम स्वस्थ रह सकते हैं।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

जुकाम के लक्षण क्या होते हैं?
जुकाम के लक्षणों में नाक बंद या बहना, सिरदर्द, बदन दर्द, गले में खराश, खांसी और हल्का बुखार शामिल है।
बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
सही कपड़े पहनें, हाथ धोएं, पर्याप्त नींद लें और ठंडी चीजों से बचें।
आयुर्वेद में जुकाम के लिए क्या उपाय हैं?
अदरक का रस, तुलसी-गिलोय का काढ़ा, नींबू पानी, और हल्दी वाला दूध जुकाम में फायदेमंद होते हैं।
क्या जुकाम संक्रामक होता है?
हाँ, जुकाम एक वायरल संक्रमण है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है।
जुकाम में खान-पान का ध्यान कैसे रखें?
जुकाम के दौरान ठंडी चीजें, दही और मीठा खाना न खाएं। इसके बजाय गर्म सूप और अदरक चाय लें।