क्या देर रात खाना शरीर के लिए हानिकारक है? जानें क्यों?
Key Takeaways
- देर रात खाना मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है।
- इंसुलिन सेंसिटिविटी रात में कम हो जाती है।
- मेलाटोनिन शरीर में सोने से पहले बढ़ता है।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से वजन घटाने में मदद मिलती है।
- दिन के समय भारी भोजन करना फायदेमंद है।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप भी रात को भोजन करने की आदत रखते हैं? अधिकांश लोग मानते हैं कि देर रात का खाना केवल पाचन में बाधा डालता है, लेकिन असलियत इससे कहीं अधिक गंभीर है। देर रात खाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है, ब्लड शुगर बढ़ता है और फैट तेजी से जमा होने लगता है।
प्रसिद्ध न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने बताया कि रात में खाना खाने से पाचन में समस्या नहीं होती, बल्कि इसका कारण शरीर में बढ़ता मेलाटोनिन हार्मोन है। मेलाटोनिन नींद का हार्मोन है, जो सोने के समय से 2-3 घंटे पहले बढ़ने लगता है। इस दौरान इंसुलिन सेंसिटिविटी 50 प्रतिशत तक घट जाती है और फैट सेल्स स्टोरेज मोड में चले जाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि यदि आप शाम 7 बजे खाना खाते हैं, तो वह अच्छी तरह पच जाता है, लेकिन अगर आप रात 10 बजे खाते हैं, तो ब्लड शुगर अधिक बढ़ जाता है और फैट जमा होने लगता है।
उन्होंने एक महत्वपूर्ण अध्ययन का उल्लेख किया, जिसमें यह पता चला है कि खाने का समय कितना महत्वपूर्ण है। अध्ययन में पाया गया कि जब शरीर में मेलाटोनिन (नींद का हार्मोन) का स्तर ज्यादा होता है, यानी सोने से 2-3 घंटे पहले, तब भोजन करने पर ब्लड ग्लूकोज लेवल सामान्य समय की तुलना में 34 प्रतिशत तक अधिक बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि कैलोरी को दिन के समय में पहले ले लें, यानी ब्रेकफास्ट और लंच को भारी रखें और डिनर को हल्का और जल्दी करें। शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक के अनुसार खाएं, इसके खिलाफ नहीं। ऐसा करने से मेटाबॉलिज्म बेहतर रहता है, वजन नियंत्रित होता है और डायबिटीज का खतरा कम होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि देर रात का खाना खाने से सर्केडियन रिदम बिगड़ता है, जिससे इंसुलिन का कार्य प्रभावित होता है। इसके विपरीत, एक स्वस्थ जीवनशैली वजन घटाने और अन्य समस्याओं को हल करने में सहायक होती है। दिन के अनुसार खाना खाने से शरीर बेहतर तरीके से कार्य करता है और रात की नींद भी अच्छी आती है।