क्या गले की खराश और दर्द से तुरंत राहत दिलाएंगी ये तीन चीजें, सर्दियों में कैसे करें सेवन?
सारांश
Key Takeaways
- काली मिर्च बलगम को कम करती है।
- अदरक सूजन और दर्द को कम करता है।
- मुलेठी गले की जलन को शांत करती है।
- मिश्री गले को मुलायम बनाती है।
- आंवला इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों में तापमान में बार-बार परिवर्तन और हवा गले की नमी को छीन लेती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में शरीर का वात और कफ दोनों असंतुलित हो जाते हैं, जिससे गला जल्दी सूखने, भारी होने या बैठ जाने लगता है। विज्ञान भी मानता है कि ठंडी और सूखी हवा गले की म्यूकस लाइनिंग को प्रभावित करती है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया शरीर में तेजी से पकड़ बना लेते हैं।
इसलिए गले में दर्द, खराश, आवाज बैठना और खाना निगलने में कठिनाई होना आम है, लेकिन घर में मौजूद कुछ चीजों से प्राकृतिक उपाय किए जाएं, तो इससे समस्या से जल्द राहत मिलती है।
काली मिर्च: काली मिर्च को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना गया है, जो बलगम को कम करने में सहायक होती है। काली मिर्च में पाया जाने वाला पाइपरिन तत्व गले में जमा अतिरिक्त कफ को कम करता है और आवाज को साफ बनाता है। जब इसे मिश्री के साथ चबाकर खाया जाता है तो यह गले की सूजन और भारीपन को कम करने में मदद करता है। मिश्री गले के लिए शीतल और मुलायम प्रभाव देने वाली मानी जाती है, जो जलन और खराश को कम करती है।
विज्ञान के अनुसार, काली मिर्च का एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव गले की सूजन को कम करता है, जिससे आवाज पहले से ज्यादा स्पष्ट होती है। तुलसी और काली मिर्च से बना काढ़ा इसमें और ताकत जोड़ता है क्योंकि तुलसी में मौजूद यूजेनॉल गले के इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है।
अदरक: सर्दियों में अदरक का रस गले के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक औषधि है। आयुर्वेद में अदरक को पाचन और श्वसन तंत्र को मजबूत करने वाला माना गया है। अदरक में मौजूद जिंजरॉल तत्व सूजन को कम करने और दर्द में राहत देने का काम करता है। जब इसका रस नींबू और सेंधा नमक के साथ लिया जाता है तो यह गले की मांसपेशियों को आराम देता है और सूजन को जल्दी शांत करता है।
नींबू की हल्की अम्लीय प्रकृति गले में जमा बैक्टीरिया को कम करती है और सेंधा नमक गले की सफाई में मदद करता है। वैज्ञानिक अध्ययनों में भी पाया गया है कि अदरक वायरल इंफेक्शन की तीव्रता को कम करने में सहायक है।
मुलेठी: मुलेठी को आयुर्वेद में यष्टिमधु कहा जाता है और यह गले की सूजन, खराश और दर्द को शांत करती है। इसमें मौजूद प्राकृतिक मिठास गले पर एक सुरक्षात्मक परत बनाती है जिससे जलन कम होती है। मुलेठी के साथ-साथ मिश्री और आंवला...ये तीन चीजें मिलकर गले के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक टॉनिक होती हैं। आंवला विटामिन सी का प्रमुख स्रोत है और शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण गले के संक्रमित टिश्यू को जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं।
मिश्री इस मिश्रण को संतुलित करती है और गले को कोमलता प्रदान करती है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि मुलेठी में ग्लाइसीराइजिन नामक यौगिक होता है जो सूजन कम करता है और आंवला शरीर की हीलिंग प्रक्रिया को तेज करता है।