क्या बार-बार गर्म किया गया भोजन आपको बीमार कर सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- ताजा भोजन का सेवन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- बार-बार गर्म किया गया खाना बीमारियों का कारण बन सकता है।
- आयुर्वेद के अनुसार, अहितकर भोजन से बचना चाहिए।
- इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए ताजा भोजन जरूरी है।
- पोषक तत्वों की कमी से स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
नई दिल्ली, 20 नवम्बर (राष्ट्र प्रेस)। आलस्य या बचे हुए भोजन का मोह, बासी खाने को बार-बार गर्म कर खाने से लोग परहेज नहीं करते। लेकिन, यही आदत सौ बीमारियों को आमंत्रित करती है। आयुर्वेद के अनुसार, ताजा पका भोजन स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम होता है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय लोगों को बार-बार गर्म किए गए भोजन से होने वाले गंभीर नुकसान के प्रति सचेत करते हुए ताजे पके भोजन को अपनी थाली में शामिल करने की सलाह देता है।
आयुर्वेद के अनुसार, ताजा पकाया गया भोजन ही सेहत की असली कुंजी है, जबकि एक ही भोजन को बार-बार गर्म करके खाना शरीर को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है। इसे आयुर्वेद में स्पष्ट रूप से 'अहितकर भोजन' कहा गया है। ऐसा भोजन शरीर के तीनों दोषों वात, पित्त और कफ को असंतुलित कर देता है।
वात दोष बढ़ने से व्यक्ति को बेचैनी, चिंता, जोड़ों में दर्द और अनिद्रा जैसी समस्याएं होने लगती हैं। पित्त दोष बिगड़ने पर एसिडिटी, गैस, मुंह में जलन, त्वचा पर चकत्ते और गुस्सा बढ़ता है। वहीं, कफ दोष के बढ़ने से आलस्य, भारीपन, मोटापा और सांस संबंधी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। लंबे समय तक इस तरह का भोजन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी भी कमजोर होती जाती है।
इस स्थिति में व्यक्ति हर समय थकान, सुस्ती और कमजोरी महसूस करता है। छोटी-छोटी मौसमी बीमारियां भी आसानी से चपेट में ले लेती हैं। चिंता और मानसिक परेशानियां घेरे रहती हैं। खाना गर्म करने पर उसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट होने लगते हैं और कुछ मामलों में हानिकारक यौगिक भी बनने लगते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, “ताजा और सात्विक भोजन ही सबसे बड़ी औषधि है।” जो भोजन एक बार पकाकर तुरंत खा लिया जाए, वही शरीर को पोषण देता है और रोगों से बचाता है।