क्या 'आम' है गठिया की मुख्य वजह? जानें आयुर्वेद से बचाव के उपाय
सारांश
Key Takeaways
- गठिया के प्रारंभिक लक्षणों को पहचानें।
- आयुर्वेद के अनुसार आम का प्रभाव समझें।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए योग और सही आहार का महत्व।
- धूप और पानी का सेवन नियमित रूप से करें।
- समय पर चिकित्सकीय सलाह लें।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जोड़ों में दर्द, सुबह की जकड़न, चलते समय आवाज आना और सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी, ये सभी गठिया के प्रारंभिक संकेत माने जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, गठिया की मुख्य कारण आम है।
आयुर्वेदाचार्य इसे अत्यधिक कष्टदायक बताते हैं। यह आम (अपरिपक्व भोजन) और वात दोष के मिलन से जुड़कर जोड़ों में जमा हो जाता है, जिससे यह गठिया के रूप में कई समस्याएं उत्पन्न करता है। आयुर्वेद इसमें उपाय और राहत के तरीकों को भी बताता है।
आयुर्वेद के अनुसार, जब पाचन अग्नि कमजोर होती है, तो भोजन ठीक से नहीं पचता और आम बनकर शरीर में जमा हो जाता है। यह आम रक्त के माध्यम से जोड़ों तक पहुंचता है, और वात दोष के साथ मिलकर दर्द, सूजन और जकड़न को जन्म देता है। गठिया के अन्य कारणों में ठंडी, बासी, फ्रिज का खाना, अधिक दही का सेवन, कम पानी पीना, देर रात का खाना, अनियमित दिनचर्या, कैल्शियम, विटामिन-डी और ओमेगा-3 की कमी, अधिक वजन, पुरानी चोटें, और गलत पोस्चर शामिल हैं।
इसके अलावा, कम धूप, थायराइड या डायबिटीज जैसे कारणों, परिवार में किसी को गठिया होने और हार्मोनल बदलाव से भी यह बीमारी हो सकती है।
डॉक्टर्स का कहना है कि गठिया के प्रारंभिक लक्षणों में सुबह उठते ही हाथ-पैरों में जकड़न, उंगलियों में सूजन, सीढ़ियां चढ़ते या कुर्सी से उठते समय खिंचाव, जोड़ दबाने पर हल्का दर्द या गर्मी महसूस होना, चलते समय जोड़ों से 'कट-कट' की आवाज, ठंडी हवा या मौसम बदलने पर दर्द बढ़ना, या रात में दर्द से नींद टूटना शामिल हैं। इन लक्षणों को लोग अक्सर उम्र का असर या थकावट समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो खतरनाक हो सकता है। 40 वर्ष से ऊपर के लोग, मोटे लोग, धूप से दूर रहने वाले, व्यायाम न करने वाले, तला-भुना और भारी भोजन करने वाले, और जिनकी जीवनशैली अनियमित है, उन्हें आम जल्दी घेर लेता है।
आयुर्वेद में बचाव के सरल उपाय बताए गए हैं। इसके लिए सुबह हल्का योग और टहलना, गुनगुने पानी से जोड़ों की सेंकाई, हल्दी, अदरक, मेथी, अजवाइन का नियमित सेवन, ठंडी चीजें, दही, फ्रिज का खाना कम करना चाहिए। रोजाना कम से कम 15 मिनट धूप जरूर लेनी चाहिए। वजन को नियंत्रित कर और अधिक पानी पीना चाहिए।