क्या गुप्तांगों में खुजली को नजरअंदाज करना सही है? जानें आयुर्वेद से कारण और बचाव

सारांश
Key Takeaways
- गुप्तांगों का प्राकृतिक पीएच स्तर महत्वपूर्ण है।
- सिंथेटिक कपड़े से दूर रहना चाहिए।
- घरेलू उपाय जैसे नीम और दही मददगार हैं।
- नियमित सफाई आवश्यक है।
- चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है यदि समस्या बनी रहती है।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की व्यस्त जीवनशैली, असंतुलित खानपान और अत्यधिक रसायनयुक्त उत्पादों के उपयोग के कारण गुप्तांगों में खुजली एक सामान्य, परंतु गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह केवल असुविधा नहीं है, बल्कि कई बार यह संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है।
सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि गुप्तांगों का प्राकृतिक पीएच स्तर हल्का अम्लीय (3.8–4.5) होता है, जो उन्हें संक्रमण से बचाता है। जब अत्यधिक सफाई, साबुन या खुशबूदार उत्पादों का उपयोग किया जाता है, तो यह संतुलन बिगड़ता है और खुजली, जलन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
इसके अलावा, सिंथेटिक या टाइट कपड़े पहनने से पसीना और गर्मी बंद हो जाती है, जिससे फंगल इंफेक्शन और रैशेज होने की संभावना बढ़ जाती है।
कुछ मामलों में, आंतों का स्वास्थ्य भी गुप्तांगों से संबंधित होता है। आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन यीस्ट की वृद्धि को बढ़ाता है, जिससे खुजली हो सकती है। महिलाओं में हार्मोनल बदलाव जैसे एस्ट्रोजेन या थायरॉइड का असंतुलन और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की गड़बड़ी भी गुप्तांगों की त्वचा को संवेदनशील बनाती है। बार-बार होने वाली खुजली कभी-कभी डायबिटीज का भी संकेत हो सकती है, क्योंकि शरीर में अधिक शुगर फंगल संक्रमण को पोषण देती है।
कुछ दुर्लभ मामलों में, संपर्क एलर्जी जैसे कंडोम (लेटेक्स), डिटर्जेंट, सैनिटरी पैड, या कपड़ों के बटन में लगे निकेल से भी खुजली हो सकती है। इसके अलावा, नसों पर दबाव या विटामिन बी12 की कमी से होने वाला न्यूरोजेनिक प्रुरिटस बिना किसी संक्रमण के भी खुजली पैदा कर सकता है। थ्रेडवर्म या जननांग जूं जैसे परजीवी भी इसका एक कारण हो सकते हैं, जो अक्सर यौन संबंध या दूषित कपड़ों से फैलते हैं।
घरेलू उपायों में नीम का पानी बहुत लाभकारी होता है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। दही का सेवन और हल्का प्रयोग भी उपयोगी है क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं। हल्दी वाला दूध पीने से शरीर अंदर से संक्रमण से लड़ता है। नारियल तेल और एलोवेरा जेल भी खुजली को शांत करने में सहायता करते हैं। ढीले सूती कपड़े पहनना, पीरियड्स के दौरान स्वच्छता बनाए रखना और पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है।
नियमित सफाई, रसायन रहित उत्पादों का उपयोग, हेल्दी डाइट और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। यदि खुजली लगातार बनी रहे या असहनीय हो, तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।