क्या उबले आलू में सेहत का खजाना छिपा है? जानिए इसके आयुर्वेदिक गुण
सारांश
Key Takeaways
- उबले आलू में उच्च पोषण मूल्य होता है।
- यह वजन नियंत्रण में सहायक होते हैं।
- इनमें विटामिन सी और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं।
- आयुर्वेद में इसे सेहत के लिए लाभकारी माना गया है।
- संतुलित मात्रा में सेवन से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रसोई में आलू का इस्तेमाल सब्जी, पराठा, चाट और स्नैक्स में किया जाता है। व्रत के दौरान भी आलू से विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उबले आलू आपकी सेहत के लिए कितने लाभकारी होते हैं?
आयुर्वेद के अनुसार, जब आलू को उबालकर सेवन किया जाता है, तो इसके लाभ और भी बढ़ जाते हैं। उबले आलू में उपस्थित पोषक तत्व आपको ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ कई बीमारियों से भी बचाते हैं।
पोषण की दृष्टि से, 100 ग्राम उबले आलू में लगभग 87–90 कैलोरी, 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2 ग्राम प्रोटीन और करीब 2 ग्राम फाइबर होता है। इसके अतिरिक्त, इसमें विटामिन सी और पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने, त्वचा को सुधारने और दिल की सेहत को बनाए रखने में मदद करती है। विशेष रूप से, पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उबले आलू का सेवन करने से पेट जल्दी भरता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
आयुर्वेद में आलू का स्वाद मीठा और इसका प्रभाव ठंडा माना गया है। इसे भारी और थोड़ा तैलीय गुणों वाला माना गया है, इसलिए इसकी अधिकता से कफ और वात बढ़ सकता है, लेकिन संतुलित मात्रा में उबला आलू सात्त्विक, सुपाच्य और ऊर्जा देने वाला भोजन है। तले हुए आलू की तुलना में उबला आलू आयुर्वेदिक दृष्टि से हल्का और अधिक फायदेमंद है।
उबले आलू के कई घरेलू उपाय भी हैं। अगर पेट में जलन हो, तो इसका हल्का सूप राहत देता है। उबले आलू का पेस्ट चेहरे पर लगाने से त्वचा को नमी मिलती है और उसकी चमक बढ़ती है। कमजोरी के समय, उबले आलू में थोड़ी काली मिर्च और नींबू मिलाकर खाना फायदेमंद रहता है। बुखार या थकान के दौरान भी यह हल्का रहता है और ऊर्जा प्रदान करता है।
हालांकि, उबले आलू को तलने या ज्यादा मसाले डालने से इसके लाभ कम हो जाते हैं। डायबिटीज वाले व्यक्तियों को इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।