क्या सरकार राजनीतिक लाभ के लिए एसआईआर करवा रही है: सपा नेता उदयवीर सिंह?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर के माध्यम से वोटर्स के अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।
- राजनीतिक लाभ के लिए प्रक्रियाओं का दुरुपयोग हो रहा है।
- अखिलेश यादव का अनुमान सही साबित हो सकता है।
- पूर्व छात्रों की पहचान से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
- सरकार को मतदाता अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।
पटना, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के तहत उत्तर प्रदेश में लगभग तीन करोड़ लोगों के वोट कटने की संभावना पर चिंता व्यक्त की। सपा नेता उदयवीर सिंह ने गुरुवार को उनके इस बयान का समर्थन किया।
उदयवीर सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "जिस तरह से एसआईआर किया जा रहा है, वह बेहद लापरवाह है। बीएलओ डेटा को पूरा करने के लिए मनमाने तरीके से फॉर्म भरे जा रहे हैं, जिससे कई वोटर्स, जिन्हें कोई फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें भी नोटिस मिलेंगे। एसआईआर के जरिए लोगों को कई सुविधाओं से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "अखिलेश यादव का अनुमान सही है। बिहार में ऐसा पहले हो चुका है। उत्तर प्रदेश चुनाव में समय होने के बावजूद, जिस तरह की हड़बड़ी की जा रही है, उसमें कई लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग मानसिक तनाव में हैं, इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकार केवल अपने राजनीतिक हितों और अहंकार में एसआईआर करवा रही है।"
आईआईटी बॉम्बे के नाम पर चल रहे हालिया विवाद पर उदयवीर सिंह ने कहा, "नाम बदलना कोई बड़ी बात नहीं है। इसे बदला जा सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि पुराने नाम ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रखी है, इसलिए इससे छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। वहां के पूर्व छात्रों को जगह-जगह सफाई देनी पड़ेगी, अगर ऐसा सिर्फ एक मुख्यमंत्री की मनमर्जी के चलते हो रहा है तो यह उचित नहीं है।"
वास्तव में, महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलकर आईआईटी मुंबई करने का विचार कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह हाल ही में आईआईटी बॉम्बे में एक प्रोग्राम में शामिल हुए और इस दौरान उन्होंने आईआईटी बॉम्बे के नाम पर टिप्पणी की। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने जितेंद्र सिंह की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए इसे महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने की साजिश बताया।