क्या हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों के ट्रांसफर में अब जुगाड़ नहीं होगा?

सारांश
Key Takeaways
- जुलाई अंत तक 200 नए डॉक्टरों की नियुक्ति।
- डॉक्टरों का ट्रांसफर तीन साल बाद होगा।
- दूरदराज के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
- डायलिसिस की सुविधा 47 स्थानों पर उपलब्ध।
- स्वास्थ्य विभाग छोटे कस्बों में सुविधाओं का विस्तार कर रहा है।
मंडी, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश में अब दूर-दराज के स्वास्थ्य संस्थानों में जुलाई के अंत तक 200 नए डॉक्टरों की नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। तीन साल पूरे होने के बाद ही डॉक्टरों का ट्रांसफर किया जाएगा। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर में आयोजित प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने दी।
प्रेस वार्ता में मंत्री ने कहा कि जुलाई के अंत तक दूरदराज के स्वास्थ्य संस्थानों में 200 नए डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। ये डॉक्टर अपने पहले स्थान पर तीन साल तक रहेंगे, ताकि दूरदराज की जनता को अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी का सामना न करना पड़े। शांडिल ने कहा कि इस नए निर्णय के बाद डॉक्टर जुगाड़ करके ट्रांसफर नहीं करा सकेंगे, जिससे जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश के कई अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है, विशेषकर दूरदराज के अस्पतालों में। इसी महीने के अंत में 200 डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, 200 और डॉक्टरों की मांग की गई है।
शांडिल ने कहा कि उन्हें शिकायतें मिल रही थीं कि दूरदराज के क्षेत्रों में कुछ डॉक्टर कुछ दिन सेवा देने के बाद शहर में अपने ट्रांसफर के लिए जुगाड़ लगाते हैं। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि ट्रांसफर तीन साल के बाद ही किया जाएगा। इससे दूरदराज के लोगों को हर बार शहर की ओर दौड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि छोटे कस्बों और दूरस्थ क्षेत्रों में डायलिसिस की सुविधा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहल की है। इसके अंतर्गत 47 स्थानों पर डायलिसिस मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं। इसके अलावा और भी स्वास्थ्य संस्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जो बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। विभाग के पास फंड भी पहुँच चुका है और जल्द ही चिन्हित क्षेत्रों में डायलिसिस मशीनें स्थापित की जाएंगी।