क्या अफ्रीकन स्वाइन फीवर के बढ़ते मामलों के चलते फिलीपींस ने स्पेन से सुअर मांस निर्यात पर रोक लगाई है?
सारांश
Key Takeaways
- फिलीपींस ने स्पेन से सूअर मांस का आयात रोक दिया है।
- यह रोक अफ्रीकन स्वाइन फीवर के मामलों के कारण लगाई गई है।
- देश में पर्याप्त भंडार मौजूद है।
- खाद्य सुरक्षा और जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं।
- एएसएफ से सूअरों की मृत्यु दर 100 प्रतिशत हो सकती है।
मनीला, ८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिलीपींस ने स्पेन से सूअर मांस के आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि स्पेन में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) का मामला सामने आया है। यह जानकारी फिलीपींस के कृषि विभाग ने साझा की।
कृषि मंत्री फ्रांसिस्को टियू लॉरेल ने कहा कि यह रोक केवल कुछ समय के लिए है और इससे क्रिसमस के समय सूअर मांस की कमी या दाम बढ़ने जैसी समस्या नहीं होगी। उन्होंने बताया कि देश के कोल्ड स्टोरेज पहले से ही भरे हुए हैं और त्योहारों में बढ़ने वाली मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त भंडार उपलब्ध है।
स्पेन के पशु चिकित्सकीय अधिकारियों ने २८ नवंबर को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया था कि बार्सिलोना के साबाडेल क्षेत्र में जंगली सूअरों में एएसएफ पाया गया है। इसके बाद फिलीपींस ने यह रोक लगाई है ताकि बीमारी देश में न फैल सके और घरेलू व जंगली दोनों तरह के सूअरों की सुरक्षा की जा सके।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्पेन से सूअर के शिपमेंट के लिए सभी सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी परमिट अपने आप रद्द कर दिए गए हैं। स्पेन से आने वाले जीवित सूअर, सूअर मांस, खाल और कृत्रिम गर्भाधान में उपयोग होने वाले वीर्य के सभी परमिट रद्द कर दिए गए हैं। यह कदम खाद्य सुरक्षा और जनस्वास्थ्य की रक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
केवल ११ नवंबर को या उससे पहले उत्पादित और ४ दिसंबर को या उससे पहले बंदरगाह पर लोड किए गए, ट्रांजिट में या स्वीकार किए गए फ्रोजन पोर्क प्रोडक्ट ही फिलीपींस में प्रवेश कर सकते हैं। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि ११ नवंबर के बाद उत्पादित शिपमेंट स्पेन वापस भेज दिए जाएंगे।
एएसएफ एक बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जिसमें घरेलू और जंगली दोनों तरह के सूअरों की मृत्यु दर सौ प्रतिशत तक हो सकती है। यह बीमारी इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन सूअरों और पशुपालन की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान करती है।
यह वायरस वातावरण में लंबे समय तक जीवित रह सकता है। यह कपड़ों, जूतों, गाड़ियों के पहियों और अन्य चीज़ों पर चिपककर फैल सकता है। यह विभिन्न पोर्क उत्पादों, जैसे हैम, सॉसेज या बेकन में भी जीवित रह सकता है। इसलिए सावधानी बरतनी आवश्यक है।
बता दें कि कई देशों में सूअर पालन परिवारों की आय का मुख्य साधन होता है। एएसएफ फैलने से छोटे किसान बुरी तरह प्रभावित होते हैं और उनकी रोज़ी–रोटी पर संकट आ जाता है। दुनिया भर में सूअर मांस पशु प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है और कुल मांस खपत का लगभग ३५ प्रतिशत हिस्सा है।