क्या स्टिलबर्थ रोकने की नई संभावना है? ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने प्लेसेंटा एजिंग का रहस्य खोजा

Click to start listening
क्या स्टिलबर्थ रोकने की नई संभावना है? ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने प्लेसेंटा एजिंग का रहस्य खोजा

सारांश

क्या ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की नई खोज स्टिलबर्थ को रोकने में मदद कर सकती है? यह अध्ययन बताता है कि प्लेसेंटा की उम्र बढ़ने से गर्भ में शिशु की मृत्यु का खतरा बढ़ता है, लेकिन प्रारंभिक पहचान से इसे रोका जा सकता है।

Key Takeaways

  • प्लेसेंटा एजिंग स्टिलबर्थ का कारण बन सकती है।
  • प्रारंभिक पहचान से स्टिलबर्थ को रोका जा सकता है।
  • सर्कुलर आरएनए प्लेसेंटा में समय से पहले जमा हो जाते हैं।
  • अध्ययन में 2 लाख स्टिलबर्थ की संख्या का उल्लेख किया गया है।
  • यह शोध गर्भवती महिलाओं के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।

कैनबरा, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नई स्टडी में यह पता लगाया है कि गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा (नाल) की एजिंग कुछ स्टिलबर्थ (गर्भ में शिशु की मृत्यु) के लिए जिम्मेदार हो सकती है, और इसकी प्रारंभिक पहचान से इसे रोका जा सकता है।

फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी ने सोमवार को एक बयान में बताया कि अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ कि प्लेसेंटा मां और बच्चे के बीच महत्वपूर्ण संपर्क का माध्यम है, लेकिन यदि इसकी समय से पहले एजिंग हो जाती है, तो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति पर असर डालता है, जिससे स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ जाता है।

फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक टीम ने यह खोज की है कि सर्कुलर आरएनए नामक मॉलिक्यूल्स, जो आमतौर पर उम्र बढ़ने वाले ऊतकों में जमा होते हैं, स्टिलबर्थ के मामलों में अपेक्षा से पहले ही प्लेसेंटा में जमा हो जाते हैं। ये मॉलिक्यूल्स टूटने लगते हैं और सेलुलर एजिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के संदर्भ में बताया कि, प्लेसेंटा की समय से पहले एजिंग गर्भ में बढ़ते बच्चे को सपोर्ट करने की क्षमता को कम कर देती है, जिससे स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ता है।

फ्लिंडर्स हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की मुख्य लेखिका आन्या आर्थर्स ने बताया कि टीम ने पाया कि स्टिलबर्थ के मामलों में, प्लेसेंटा अपनी गर्भावस्था की अवधि के अनुसार बायोलॉजिकल रूप से अधिक पुराना दिखाई देता है, जिसमें क्षतिग्रस्त डीएनए, खराब सेल संरचना और सर्कुलर आरएनए का उच्च स्तर होता है।

आर्थर्स ने कहा, "जब हमने प्लेसेंटल सेल्स में इनमें से एक मॉलिक्यूल को कम किया, तो नुकसान धीमा हो गया, और एजिंग में देरी हुई, जो यह दर्शाता है कि ये मॉलिक्यूल केवल दर्शक नहीं हैं, बल्कि इस प्रक्रिया के सक्रिय चालक हैं।" उन्होंने आगे कहा कि इनमें से कुछ सर्कुलर आरएनए को गर्भावस्था के 15 से 16 हफ्ते में ही मां के रक्त में मापा जा सकता है, जो प्रारंभिक स्क्रीनिंग परीक्षण की संभावना को उजागर करता है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि इस प्रक्रिया की जांच से गर्भवती महिलाओं में जोखिम की पहले से पहचान की जा सकती है, जिससे चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।

यह खोज स्टिलबर्थ को कम करने के प्रयासों का हिस्सा है, जहां हर साल लगभग 2 लाख स्टिलबर्थ होते हैं।

रेड नोज ऑस्ट्रेलिया और अन्य संस्थाओं की ट्रांस-तस्मान रिसर्च भी स्टिलबर्थ रोकने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान एंटीनेटल हस्तक्षेप शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों से स्टिलबर्थ को रोकने के लिए नए स्क्रीनिंग उपकरण विकसित किए जा सकते हैं और यह भी पता चल सकता है कि उम्र बढ़ने की प्रक्रियाएं, जिनमें अल्जाइमर भी शामिल है, मानव स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालती हैं।

Point of View

बल्कि यह हमें उम्र बढ़ने की प्रक्रियाओं को भी समझने में मदद करेगा।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

प्लेसेंटा एजिंग क्या है?
प्लेसेंटा एजिंग गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया है, जो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है।
स्टिलबर्थ को कैसे रोका जा सकता है?
शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रारंभिक पहचान और स्क्रीनिंग से स्टिलबर्थ को रोका जा सकता है।
इस अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?
अध्ययन में पाया गया कि प्लेसेंटा की समय से पहले एजिंग स्टिलबर्थ के जोखिम को बढ़ा सकती है।
क्या सर्कुलर आरएनए का प्लेसेंटा में योगदान है?
हाँ, सर्कुलर आरएनए का उच्च स्तर प्लेसेंटा की उम्र बढ़ने का संकेत देता है, जिससे स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ सकता है।
क्या यह अध्ययन गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है?
बिल्कुल, यह अध्ययन गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और स्टिलबर्थ को रोकने में नई संभावनाएं प्रदान करता है।
Nation Press