क्या साइबर ठगी के खिलाफ डीओटी को मिली बड़ी सफलता? एफआरआई ने 6 महीने में 660 करोड़ रुपए के फ्रॉड पर लगाई लगाम
सारांश
Key Takeaways
- एफआरआई प्रणाली से 660 करोड़ रुपए की ठगी रोकी गई है।
- 1,000 से अधिक बैंक और ऐप्स इस प्रणाली से जुड़े हैं।
- जन भागीदारी से साइबर ठगी की पहचान में मदद मिल रही है।
- संचार साथी प्लेटफॉर्म का उपयोग बढ़ रहा है।
- डीओटी ने प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से जानकारी फैलाने का कार्य किया है।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने खुलासा किया है कि फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (एफआरआई) नामक एक विशेष प्रणाली के लागू होने के मात्र 6 महीनों में ही 660 करोड़ रुपए की साइबर ठगी को रोकने में सहायता मिली है। यह प्रणाली बैंकों और डिजिटल भुगतान से जुड़े धोखाधड़ी मामलों की पहचान पहले ही कर लेती है।
एफआरआई को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) का पूरा समर्थन प्राप्त है। इस कारण, बड़ी संख्या में बैंक, वित्तीय संस्थान और डिजिटल ऐप कंपनियां इस सिस्टम से जुड़कर डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) का उपयोग कर रही हैं।
अब तक 1,000 से अधिक बैंक, पेमेंट कंपनियां और थर्ड पार्टी ऐप्स इस डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं और एफआरआई का सक्रिय रूप से उपयोग कर रहे हैं। इससे साइबर ठगी को समय पर रोकने में मदद मिल रही है।
संचार मंत्रालय के अनुसार, दूरसंचार विभाग लोगों और संस्थानों को एफआरआई के बारे में सही जानकारी मुहैया कराने के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर रहा है। अब तक ऐसे 16 सत्र हो चुके हैं, ताकि इस प्रणाली को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।
वर्तमान समय में साइबर अपराध तेज गति से विकसित हो रहा है। ठग अब डिजिटल गिरोह की तरह कार्य कर रहे हैं। वे डिजिटल अरेस्ट स्कैम, फर्जी कॉल और अवैध तरीकों से नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं, जिससे खतरा और भी बढ़ गया है।
इस कठिन परिस्थिति में जन भागीदारी ने सबसे बड़ी मदद की है। संचार साथी नामक प्लेटफॉर्म के माध्यम से आम लोग साइबर ठगी से संबंधित जानकारी सरकार को प्रदान कर रहे हैं। इससे एफआरआई को और अधिक मजबूती मिल रही है।
डीओटी ने उन सभी जागरूक नागरिकों और साइबर वॉरियर्स की सराहना की है जो संचार साथी वेबसाइट और मोबाइल ऐप का उपयोग कर रहे हैं। लोग यहां संदिग्ध कॉल, अपने नाम पर लिए गए फर्जी कनेक्शन और खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन की जानकारी दे सकते हैं।
संचार साथी मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने और उपयोग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इससे यह स्पष्ट है कि लोग इस प्लेटफॉर्म पर भरोसा कर रहे हैं और साइबर ठगी को रोकने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे संचार साथी वेबसाइट और मोबाइल ऐप का अधिकतम उपयोग करें।