क्या स्टेरॉइड्स टीबी के मरीजों के लिए बेहतर इलाज साबित हो सकते हैं?

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क्या स्टेरॉइड्स टीबी के मरीजों के लिए बेहतर इलाज साबित हो सकते हैं?

सारांश

एक नई अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि स्टेरॉइड्स, विशेषकर डेक्सामेथासोन, टीबी के इलाज में सहायक हो सकते हैं। यह न केवल सूजन को कम करता है, बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है। जानें इस अध्ययन के महत्वपूर्ण निष्कर्ष और टीबी के खिलाफ लड़ाई में इसके प्रभाव को।

Key Takeaways

  • स्टेरॉइड्स टीबी के उपचार में सहायक हो सकते हैं।
  • डेक्सामेथासोन इंफ्लेमेशन को कम करता है।
  • प्रतिरक्षा कोशिकाओं की क्षमता में वृद्धि करता है।
  • टीबी मैनिंजाइटिस जैसे गंभीर मामलों में प्रभावी हो सकता है।
  • वैज्ञानिक अनुसंधान से नए उपचार विकल्प सामने आ रहे हैं।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हर साल, विश्वभर में 1 करोड़ से अधिक लोग ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से ग्रसित होते हैं। हाल ही में एक नई वैज्ञानिक स्टडी में यह पता चला है कि स्टेरॉइड्स का उपयोग टीबी के उपचार में सहायक हो सकता है।

साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में यह दर्शाया गया है कि स्टेरॉइड्स, विशेषकर डेक्सामेथासोन नाम की दवा, टीबी के खिलाफ एक प्रभावी सहायक उपचार के रूप में कार्य कर सकती है।

टीबी एक संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। अब तक, इसका उपचार मुख्य रूप से एंटीबायोटिक्स के माध्यम से किया जाता रहा है। लेकिन कई मामलों में, शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया इतनी तीव्र होती है कि यह स्वयं ही शरीर के ऊतकों को हानि पहुँचाने लगती है, जिसे अत्यधिक इंफ्लेमेटरी कहा जाता है। स्टेरॉइड्स का उपयोग इस इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए किया जाता है, और अब यह भी सामने आया है कि ये दवाएं न केवल सूजन को कम करती हैं, बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बैक्टीरिया से लड़ने में भी सहायता प्रदान कर सकती हैं।

अध्ययन में विशेष रूप से मैक्रोफेज नाम की प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये कोशिकाएं शरीर में बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्वों को पहचानकर उन्हें समाप्त करती हैं। वैज्ञानिकों ने खून और फेफड़ों के तरल पदार्थ से प्राप्त मैक्रोफेज को टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित किया और फिर डेक्सामेथासोन से उनका उपचार किया। इस प्रक्रिया के दौरान पाया गया कि जब इन कोशिकाओं को स्टेरॉइड्स से उपचारित किया गया, तो उनकी बैक्टीरिया को समाप्त करने की क्षमता में वृद्धि हुई।

डेक्सामेथासोन दवा मैक्रोफेज के अंदर एक प्रक्रिया को सक्रिय करती है जिसे ऑटोफैगी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में कोशिका स्वयं अपने भीतर के संक्रमित हिस्सों को साफ करती है। इसके अलावा, एक अन्य प्रक्रिया, फेगोसोमल एसिडिफिकेशन, के माध्यम से यह दवा कोशिकाओं को अंदर से एसिडिक वातावरण बनाने में सक्षम बनाती है, जिससे बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं।

डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज के प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन जोसेफ कीन ने कहा, "टीबी के उपचार में स्टेरॉइड्स का उपयोग अक्सर कम किया जाता है, जबकि ये काफी प्रभावी साबित हो सकते हैं, विशेषकर गंभीर मामलों में जैसे कि टीबी मैनिंजाइटिस (जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है)। यह अध्ययन दर्शाता है कि स्टेरॉइड्स केवल सूजन को नियंत्रित नहीं करते, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती प्रदान करते हैं।"

Point of View

यह अध्ययन टीबी के उपचार में एक नई दिशा को इंगित करता है। स्टेरॉइड्स के उपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है, क्योंकि यह गंभीर मामलों में जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं। भारत में टीबी की समस्या को देखते हुए, इस प्रकार की अनुसंधान से उपचार के नये विकल्पों की खोज में मदद मिलेगी।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

स्टेरॉइड्स का टीबी के उपचार में क्या महत्व है?
स्टेरॉइड्स, विशेषकर डेक्सामेथासोन, सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
क्या स्टेरॉइड्स का उपयोग सभी टीबी मरीजों के लिए सुरक्षित है?
नहीं, स्टेरॉइड्स का उपयोग केवल चिकित्सकीय सलाह पर करना चाहिए, खासकर गंभीर मामलों में।
इस अध्ययन में कौन-कौन सी प्रमुख बातें सामने आई हैं?
अध्ययन में पाया गया है कि स्टेरॉइड्स न केवल सूजन को नियंत्रित करते हैं, बल्कि बैक्टीरिया को खत्म करने की क्षमता भी बढ़ाते हैं।
क्या डेक्सामेथासोन अन्य बीमारियों के उपचार में भी उपयोगी है?
हाँ, डेक्सामेथासोन कई प्रकार की बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जाता है, जैसे कि सूजन और गंभीर एलर्जी।