क्या लाई छिंग-ते कुछ भी कहें या करें, एकीकरण की प्रवृत्ति को रोक सकते हैं?

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क्या लाई छिंग-ते कुछ भी कहें या करें, एकीकरण की प्रवृत्ति को रोक सकते हैं?

सारांश

थाईवान के अधिकारी लाई छिंग-ते ने हाल ही में 'थाईवान स्वतंत्रता' पर बयान दिया। चीन के प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि थाईवान केवल एक चीन का हिस्सा है। जानिए इस विषय पर क्या कहा गया है और इसके पीछे के तर्क क्या हैं।

Key Takeaways

  • लाई छिंग-ते के बयान से विवाद बढ़ा है।
  • चीन का एक-चीन सिद्धांत महत्वपूर्ण है।
  • थाईवान की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।
  • अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्थिरता आवश्यक है।
  • इस मुद्दे पर वैश्विक ध्यान आकर्षित हो रहा है।

बीजिंग, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 10 अक्टूबर को थाईवान के अधिकारी लाई छिंग-ते ने अपने भाषण में एक बार फिर “थाईवान स्वतंत्रता” से संबंधित टिप्पणियाँ की और झूठे दावे प्रस्तुत किए।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन की राज्य परिषद के थाईवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता छेन बिनह्वा ने कहा कि दुनिया में केवल एक ही चीन है, और थाईवान चीन का एक अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि थाईवान जलडमरूमध्य की वास्तविक स्थिति यही है।

छेन बिनह्वा ने ज़ोर देकर कहा कि केवल एक-चीन सिद्धांत और “1992 आम सहमति” का पालन करने से ही थाईवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है। इसी के आधार पर थाईवान के लोगों को बेहतर जीवन की गारंटी और थाईवान की अर्थव्यवस्था को अधिक विकास के अवसर एवं स्थायित्व प्राप्त हो सकता है। इसके विपरीत, एक-चीन सिद्धांत से विचलित होना, “1992 की सहमति” को नकारना या “थाईवान स्वतंत्रता” के अलगाववादी प्रयासों को बढ़ावा देना न केवल क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता को जन्म देगा, बल्कि थाईवान की अर्थव्यवस्था और उसके नागरिकों के मौलिक हितों को भी गंभीर क्षति पहुँचाएगा।

प्रवक्ता ने आगे कहा कि लाई छिंग-ते चाहे कुछ भी कहें या करें, वे चीन के एकीकरण की ऐतिहासिक और अपरिवर्तनीय प्रवृत्ति को नहीं रोक सकते। उन्होंने कहा कि मुख्य भूमि चीन थाईवान में अपने देशवासियों के साथ मिलकर “थाईवान स्वतंत्रता” की अलगाववादी ताकतों और विदेशी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करेगा। चेन बिनह्वा ने कहा कि चीन राष्ट्रीय पुनर्मिलन और राष्ट्रीय कायाकल्प के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए अपने प्रयासों को और सशक्त करेगा।

(साभार – चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

मेरा मानना है कि थाईवान और चीन के बीच के विवाद को समझना आवश्यक है। यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें इस पर निष्पक्ष दृष्टिकोण से विचार करना चाहिए।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

लाई छिंग-ते ने क्या कहा?
उन्होंने 'थाईवान स्वतंत्रता' पर टिप्पणी की और झूठे दावे पेश किए।
चीन का क्या कहना है?
चीन का कहना है कि केवल एक ही चीन है और थाईवान उसका अभिन्न हिस्सा है।
एक-चीन सिद्धांत क्या है?
यह सिद्धांत कहता है कि चीन के एकीकरण के लिए केवल एक ही चीन का अस्तित्व होना चाहिए।
1992 की सहमति का क्या महत्व है?
यह सहमति थाईवान और मुख्य भूमि चीन के बीच संवाद और सहमति का आधार है।
थाईवान की स्थिति क्या है?
थाईवान एक विवादित क्षेत्र है जो चीन का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।