क्या बिलासपुर के किसानों के लिए धन धान्य कृषि योजना का शुभारंभ एक नई उम्मीद है?

सारांश
Key Takeaways
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि का लक्ष्य।
- फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन।
- किसानों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कृषि ऋण तक पहुंच।
- पंचायत स्तर पर भंडारण क्षमता में सुधार।
- सिंचाई बुनियादी ढांचे में सुधार।
बिलासपुर, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार देश में कई प्रकार की कल्याणकारी और लाभकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। इसी क्रम में आज धन धान्य कृषि योजना की शुरुआत की गई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए संसद में पेश किए गए बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी, जिसके तहत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया है। यह योजना देश के 100 जिलों में लागू की जा रही है जिसमें हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला भी शामिल है।
इस योजना के शुभारंभ के अवसर पर किसान भवन बिलासपुर में एक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और कृषि विभाग के निदेशक रविंदर सिंह जसरोटिया मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धन धान्य कृषि योजना का उद्घाटन किया।
ध्यान रहे कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना, पंचायत स्तर पर फसल-उपरांत भंडारण क्षमता को बढ़ाना, विश्वसनीय जल पहुंच के लिए सिंचाई की आधारभूत संरचना में सुधार करना और किसानों के लिए कृषि ऋण तक पहुंच बढ़ाना है।
इस योजना के शुभारंभ के संदर्भ में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि 11 विभागों द्वारा 36 योजनाएं चलाई जा रही थीं, लेकिन उनमें समन्वय की कमी थी। इस योजना के जरिए आपसी तालमेल बनाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि डिस्ट्रिक्ट एग्रीकल्चर डेवलोपमेंट प्लान के तहत अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि एक विस्तृत दस्तावेज तैयार किया जाए, जो जिले के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हो, ताकि इस योजना के बेहतरीन परिणाम प्राप्त किए जा सकें।
मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि इससे पहले भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना बनाई गई थी, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन विस्तृत दस्तावेज की कमी के कारण उसके परिणाम संतोषजनक नहीं रहे। उन्होंने पीएम धन धान्य कृषि योजना के संदर्भ में विस्तृत दस्तावेज बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि भविष्य में अच्छे परिणाम मिल सकें।