क्या कच्ची हल्दी शरीर को डिटॉक्स कर स्वस्थ बना सकती है?
सारांश
Key Takeaways
- कच्ची हल्दी शरीर को डिटॉक्स करती है।
- यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है।
- सर्दियों में जोड़ों के दर्द को कम करती है।
- पेट की समस्याओं में राहत देती है।
- यह त्वचा की चमक बढ़ाती है।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों का मौसम सर्दी-जुकाम, जोड़ों में दर्द, पेट में सूजन और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी अनेक समस्याएं लेकर आता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इन सभी समस्याओं का एक प्रभावी समाधान कच्ची हल्दी को बताया है।
मंत्रालय के अनुसार, यह पीली औषधि शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ स्वास्थ्य और ऊर्जा को भी बढ़ाती है। आयुर्वेद में सदियों से प्रयोग की जा रही कच्ची हल्दी सर्दियों में विशेष रूप से फायदेमंद है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कच्ची हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं। यही कारण है कि कच्ची हल्दी सर्दी-खांसी, गले की खराश, और वायरल संक्रमण से बचाव करती है। सर्दियों में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, लेकिन कच्ची हल्दी का नियमित सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
सुबह खाली पेट एक चम्मच कच्ची हल्दी का रस शहद के साथ लेने से आपको पूरे दिन वायरस से लड़ने की ताकत मिलती है। इसके अलावा, सर्दियों में जोड़ों की जकड़न और सूजन भी आम होती है। कच्ची हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर के दर्द, सूजन और घुटनों-कमर की जकड़न को कम करता है। रात को सोने से पहले गुनगुने दूध में आधा चम्मच कच्ची हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से लचीलापन आता है और ठंड के कारण मांसपेशियों की अकड़न भी दूर होती है।
सर्दियों में पेट की समस्याएं बढ़ जाती हैं। मंत्रालय की सलाह है कि कच्ची हल्दी अपच, वात, और पेट फूलने जैसी दिक्कतों को दूर करती है। इसके सेवन से पाचन अग्नि प्रज्वलित होती है और भोजन आसानी से पचता है। सर्दियों में होने वाली सूजन को कच्ची हल्दी का काढ़ा तुरंत राहत देता है। सबसे महत्वपूर्ण है इसका डिटॉक्स प्रभाव। कच्ची हल्दी शरीर को डिटॉक्स कर पुरानी बीमारियों से बचाती है। नियमित सेवन से त्वचा में भी चमक आती है।