क्या कम उम्र में बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा? योग से रखें दिल को फिट और रहें जवान

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क्या कम उम्र में बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा? योग से रखें दिल को फिट और रहें जवान

सारांश

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में दिल की बीमारियां युवा और किशोरों को भी प्रभावित कर रही हैं। हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि के कारण, योगासन एक प्रभावी उपाय है। जानें कैसे योग आपके दिल को स्वस्थ रख सकता है।

Key Takeaways

  • योग दिल के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  • तनाव को कम करने में सहायक है।
  • नियमित योग से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
  • योगासन मोटापे को कम करने में मदद करते हैं।
  • स्वस्थ जीवनशैली के लिए योग अपनाना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में दिल की बीमारियां अब केवल उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रह गई हैं। काम का बढ़ता दबाव, बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण अब युवा और किशोर भी दिल की बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। हाल ही में कई शोध में पता चला है कि हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में समय रहते कुछ सरल आदतें अपनाना इस खतरे को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। इनमें से एक है 'योगासन'।

आयुष मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर इसके लाभों की जानकारी दी है। बताया गया है कि नियमित योगाभ्यास दिल को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। योग न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि यह मानसिक तनाव को भी कम करता है, जो हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग से हृदय की कार्यप्रणाली सुधरती है क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन को संतुलित करता है, ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है और नसों की जकड़न को कम करता है। योगासन के कुछ ऐसे सरल आसन हैं, जिनका नियमित अभ्यास दिल को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है।

ताड़ासन: यह एक सरल लेकिन प्रभावी योगासन है जो शरीर को स्ट्रेच करता है और संतुलन बढ़ाता है। ताड़ासन से शरीर में खिंचाव आता है जिससे छाती की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। इससे दिल तक ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर होती है और तनाव में कमी आती है।

मार्जरीआसन: इस आसन में शरीर की मुद्रा बिल्ली जैसी होती है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और शरीर की चर्बी को कम करता है। मोटापा दिल की बीमारियों का एक बड़ा कारण है; ऐसे में यह आसन इसे कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह तनाव को घटाकर मन को भी शांत करता है।

त्रिकोणासन: यह शरीर की कई प्रमुख मांसपेशियों को सक्रिय करता है। यह आसन रीढ़, जांघ, घुटनों और छाती पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही, यह तनाव और चिंता को कम करता है, जो दिल की बीमारियों के प्रमुख कारणों में से एक हैं।

वीरभद्रासन: यह आसन शरीर की ताकत और लचीलापन बढ़ाता है। यह दिल तक ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और नसों में ब्लॉकेज की संभावना को कम करता है। इसके नियमित अभ्यास से छाती, कंधे और जांघों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

उत्कटासन: यह आसन कंधों, पीठ और पैरों को मजबूत बनाता है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है, जिससे छाती में ब्लॉकेज की संभावना घटती है। यह कैलोरी बर्न करने में भी सहायक है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आज की जीवनशैली में बदलाव के कारण दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। युवा वर्ग को जागरूक करना और उन्हें योग जैसे प्राकृतिक उपायों की ओर प्रेरित करना, एक आवश्यक कदम है।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

योग करने से दिल की बीमारियों में कैसे मदद मिलती है?
योग नियमित रूप से करने से रक्त संचार बेहतर होता है और तनाव कम होता है, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है।
क्या योग की कोई विशेष मुद्रा है जो दिल को स्वस्थ रखती है?
हां, ताड़ासन, त्रिकोणासन और वीरभद्रासन जैसी मुद्राएं दिल की सेहत के लिए लाभकारी होती हैं।
कितने समय तक योग करना चाहिए?
रोजाना कम से कम 30 मिनट का नियमित योगाभ्यास दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।