क्या 'सेतु बंध सर्वांगासन' कमर दर्द और थायरॉइड जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक है?

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क्या 'सेतु बंध सर्वांगासन' कमर दर्द और थायरॉइड जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक है?

सारांश

योग के प्राचीन आसनों में से एक 'सेतु बंध सर्वांगासन' न केवल कमर दर्द और थायरॉइड जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। जानें इसके सही तरीके और लाभ।

Key Takeaways

  • सेतु बंध सर्वांगासन कमर दर्द और थायरॉइड को दूर करने में सहायक है।
  • यह तनाव और चिंता को कम करता है।
  • नियमित अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • सही विधि का पालन करना आवश्यक है।
  • गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं करना चाहिए।

मुंबई, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्राचीन भारतीय योग पद्धति में हर प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्या का समाधान मौजूद है, जो स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक है। इनमें से एक महत्वपूर्ण आसन सेतु बंध सर्वांगासन है, जिसे 'ब्रिज पोज' भी कहा जाता है। यह योगासन कमर दर्द, थायरॉइड और अन्य कई समस्याओं को दूर करने में बेहद प्रभावी है।

सेतु बंध सर्वांगासन रीढ़, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और कंधों को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही, यह छाती और फेफड़ों को खोलकर श्वास लेने की क्षमता को भी सुधारता है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, सेतु बंध सर्वांगासन के कई लाभ हैं। यह कमर दर्द और पिछले हिस्से की जकड़न को कम करने में मदद करता है। यह थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित कर हार्मोनल संतुलन में सुधार करता है, तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है। इसके अतिरिक्त, यह पाचन तंत्र को सुधारता है और रक्त संचार को बढ़ाता है, साथ ही महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को भी कम करता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस आसन को करने का सही तरीका क्या है। सबसे पहले, पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। अपने हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें, हथेलियां नीचे की ओर हों। फिर, घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को कूल्हों के पास लाएं ताकि पैर जमीन पर सपाट रहें। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं, जिससे शरीर का आकार पुल जैसा बन जाए। इस दौरान कंधे और सिर जमीन पर ही रहना चाहिए।

इस स्थिति में 10-15 सेकंड तक रुकें और सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कूल्हों को वापस जमीन पर लाएं। इस प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराना चाहिए।

नियमित अभ्यास से सेतु बंध सर्वांगासन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ कुछ सावधानियों का पालन करने की सलाह देते हैं। यदि गर्दन, पीठ या कंधों में चोट है, तो इसे नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी इसे नहीं करना चाहिए। इसे हमेशा खाली पेट करें और अधिक जोर लगाने से बचें। यदि कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लें।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि योग की प्राचीन पद्धतियाँ आज भी स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सेतु बंध सर्वांगासन जैसे आसनों का नियमित अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

सेतु बंध सर्वांगासन करने का सही तरीका क्या है?
पीठ के बल लेटकर, पैरों को घुटनों से मोड़ें और कूल्हों को ऊपर उठाएं, शरीर पुल जैसा आकार लेगा।
क्या सेतु बंध सर्वांगासन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
नहीं, गर्भवती महिलाओं को इस आसन से बचना चाहिए।
सेतु बंध सर्वांगासन के लाभ क्या हैं?
यह कमर दर्द, थायरॉइड, तनाव, और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है।
क्या इसे खाली पेट करना चाहिए?
हाँ, इसे हमेशा खाली पेट करना चाहिए।
क्या इस आसन को करने में कोई सावधानी जरूरी है?
जी हाँ, गर्दन, पीठ या कंधों में चोट होने पर इसे न करें।