क्या केरल के 'दो रुपए वाले डॉक्टर' डॉ. ए.के. रायरू गोपाल का निधन हो गया?

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क्या केरल के 'दो रुपए वाले डॉक्टर' डॉ. ए.के. रायरू गोपाल का निधन हो गया?

सारांश

डॉ. ए.के. रायरू गोपाल, जिन्हें 'दो रुपए वाले डॉक्टर' के नाम से जाना जाता था, ने गरीबों के लिए सस्ती चिकित्सा सेवाएं प्रदान की। उनका निधन 80 वर्ष की आयु में हुआ। इस लेख में उनकी प्रेरणादायक यात्रा और चिकित्सा सेवा के प्रति उनकी समर्पण की कहानी जानें।

Key Takeaways

  • गरीबों के लिए सस्ती चिकित्सा सेवाएं
  • चिकित्सा में मानवता का महत्व
  • सिर्फ 2 रुपए में इलाज
  • डॉ. गोपाल का सेवा का संकल्प
  • पारिवारिक परंपरा की निरंतरता

तिरुवनंतपुरम, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। गरीबों के लिए सस्ती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने वाले और 'दो रुपए वाले डॉक्टर' के नाम से प्रसिद्ध डॉ. ए.के. रायरू गोपाल का रविवार को 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

डॉ. गोपाल ने पिछले 50 वर्षों से अधिक समय तक मरीजों का इलाज अत्यधिक कम शुल्क पर किया। उनके प्रारंभिक वर्षों में, उन्होंने केवल 2 रुपए में उपचार किया, जिससे उन्हें यह अनोखा नाम मिला। हालांकि, बाद में भी उन्होंने केवल 40 से 50 रुपए की फीस रखी, जबकि सामान्य डॉक्टर एक परामर्श के लिए सैकड़ों और हजारों रुपए मांगते हैं।

डॉ. गोपाल ने चिकित्सा पेशे में सेवा, सरलता और ईमानदारी का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनका सेवा का संकल्प तब शुरू हुआ, जब उन्होंने एक मरीज की बेहद खराब स्थिति देखी और यह तय किया कि वे केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि इंसानियत का भी वितरण करेंगे।

उन्होंने दिहाड़ी मजदूरों, छात्रों और गरीबों को ध्यान में रखते हुए तड़के 3 बजे से मरीजों का इलाज शुरू किया, ताकि लोग अपने काम से पहले उपचार करवा सकें। कई बार वे एक दिन में 300 से अधिक मरीजों को देखते थे।

उनका दिन रोज सुबह 2:15 बजे शुरू होता था। पहले वे अपनी गायों को चारा देते, गौशाला साफ करते और दूध इकट्ठा करते, फिर पूजा के बाद दूध बांटते और सुबह 6:30 बजे से अपने घर पर मरीजों को देखना शुरू करते थे।

उनका क्लिनिक थान मणिक्काकावु मंदिर के निकट स्थित था और मरीजों की कतारें अक्सर सैकड़ों तक पहुँच जाती थीं। उनकी पत्नी डॉ. शकुंतला और एक सहायक भीड़ को संभालने से लेकर दवाइयां देने तक उनकी सहायता करते थे।

स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद, उन्होंने कभी भी मरीजों का इलाज करने से मुँह नहीं मोड़ा। उनके पिता, डॉ. ए. गोपालन नांबियार, खुद एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे। उन्होंने उन्हें सिखाया था, 'अगर केवल पैसा कमाना है, तो कोई और काम करो'। यही सिद्धांत उनके पूरे जीवन में बना रहा।

अपने भाइयों (डॉ. वेणुगोपाल और डॉ. राजगोपाल) के साथ मिलकर उन्होंने बिना लाभ के चिकित्सा सेवा की पारिवारिक परंपरा को बनाए रखा।

Point of View

बल्कि एक ऐसे व्यक्ति का निधन है जिसने अपने जीवन को समाज सेवा में समर्पित किया। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। ऐसे व्यक्तित्व का होना हमारे समाज के लिए एक प्रेरणा है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

डॉ. ए.के. रायरू गोपाल कौन थे?
डॉ. ए.के. रायरू गोपाल एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे, जिन्होंने गरीबों के लिए केवल 2 रुपए में इलाज किया।
उनका निधन कब हुआ?
उनका निधन 3 अगस्त को 80 वर्ष की आयु में हुआ।
वे कितने वर्षों तक चिकित्सा सेवा कर रहे थे?
उन्होंने पिछले 50 वर्षों से अधिक समय तक चिकित्सा सेवा दी।
डॉ. गोपाल की खास बात क्या थी?
वे अपनी सेवाओं को बेहद कम शुल्क पर प्रदान करते थे, जिससे वे 'दो रुपए वाले डॉक्टर' की उपाधि से जाने जाते थे।
उनकी चिकित्सा सेवा का उद्देश्य क्या था?
उनका उद्देश्य केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि इंसानियत का वितरण करना था।