क्या किडनी कमजोर होने से पहले देती है संकेत? समय रहते करें उपाय

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क्या किडनी कमजोर होने से पहले देती है संकेत? समय रहते करें उपाय

सारांश

किडनी हमारे शरीर का एक अनिवार्य अंग है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसके कमजोर होने पर कई संकेत दिखाई देते हैं। जानिए किडनी की सेहत बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं ताकि आप समय रहते सही कदम उठा सकें।

Key Takeaways

  • किडनी की सेहत के लिए नियमित जांच आवश्यक है।
  • आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं।
  • तनाव को कम करें और योग करें।
  • सही खानपान का ध्यान रखें।
  • जल का सेवन बढ़ाएं।

नई दिल्ली, २६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। किडनी हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है, जो खून से अनचाहे तत्वों को बाहर निकालने का काम करती है। आयुर्वेद के अनुसार, इसे अपान वायु और मूत्रवह स्रोतस से जोड़ा गया है। जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो शरीर कई संकेत देने लगता है।

किडनी की कमजोरी के शुरुआती संकेतों में शामिल हैं: रात में बार-बार पेशाब आना, पेशाब का रंग बदलना, उसमें झाग होना, शरीर में सूजन, लगातार थकान, मुंह में कड़वाहट, भूख की कमी और चेहरे का पीला पड़ना। इसके अलावा, सांस फूलना, ब्लड प्रेशर में वृद्धि या कमर के नीचे दर्द भी किडनी पर दबाव का संकेत हो सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, किडनी समस्याएं त्रिदोष असंतुलन का परिणाम हैं। जब वात दोष बढ़ता है, तो मूत्र प्रवाह में गड़बड़ी होती है। पित्त दोष बढ़ने पर जलन, सूजन या पेशाब में खून आ सकता है और कफ दोष के बढ़ने से शरीर में पानी रुकता है, जिससे सूजन होती है।

आयुर्वेद में उपचार केवल लक्षणों पर नहीं, बल्कि दोषों के संतुलन पर केंद्रित होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, किडनी का काम खून से विषैले तत्वों, यूरिया और सोडियम-पोटैशियम का संतुलन बनाना और हार्मोन का नियमन करना होता है। जब इसकी कार्यक्षमता ६० प्रतिशत से नीचे गिर जाती है, तो शरीर में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं, जिससे थकान, सूजन और रंग में बदलाव जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

किडनी की सेहत बनाए रखने के लिए आयुर्वेद में कई उपाय सुझाए गए हैं। सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीना और रात में त्रिफला चूर्ण लेना शरीर को डिटॉक्स करता है। पुनर्नवा, गोखरू और गिलोय का काढ़ा सप्ताह में २-३ बार पीने से किडनी की कार्यक्षमता में सुधार होता है।

नमक, जंक फूड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से दूर रहें, क्योंकि ये किडनी पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं। तनाव को भी कम करें। साथ ही, योगासन जैसे मंडूकासन, भुजंगासन और पवनमुक्तासन करें, जो रक्त प्रवाह को संतुलित करते हैं और किडनी को स्वाभाविक रूप से सक्रिय रखते हैं।

घरेलू पेय जैसे धनिया पानी, करौंदा पानी और पुनर्नवा रस सूजन और जलन को कम करते हैं, साथ ही शरीर को प्राकृतिक डिटॉक्स प्रदान करते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण है कि बार-बार पेनकिलर न लें, प्रोटीन सप्लीमेंट्स से बचें, पर्याप्त पानी पिएं और नींद पूरी करें।

Point of View

NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

किडनी कमजोर होने के लक्षण क्या हैं?
किडनी कमजोर होने के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब का रंग बदलना, शरीर में सूजन, थकान, और भूख की कमी शामिल हैं।
किडनी की सेहत के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
किडनी की सेहत के लिए गुनगुना पानी पीना, त्रिफला चूर्ण लेना, और योगासन करना फायदेमंद है।
आयुर्वेद में किडनी के लिए कौन से जड़ी-बूटियाँ उपयोगी हैं?
पुनर्नवा, गोखरू, और गिलोय किडनी की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
क्या किडनी के लिए जंक फूड हानिकारक हैं?
जी हाँ, जंक फूड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ किडनी पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए।
किडनी की सेहत बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?
किडनी की सेहत बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना, तनाव कम करना और अच्छी नींद लेना आवश्यक है।