क्या बार-बार खाने को गर्म करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है? कैंसर का खतरा!

सारांश
Key Takeaways
- बार-बार खाने को गर्म करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- पोषण कम होता है और जहरीले तत्व जमा होते हैं।
- कुछ खाद्य पदार्थों में कैंसरकारी रसायन बन सकते हैं।
- ताजा खाना हमेशा बेहतर है।
- आयुर्वेद और विज्ञान दोनों की सलाह का पालन करें।
नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज़-रफ्तार जीवनशैली में, कई लोग अक्सर समय की बचत के लिए पके हुए खाने को बार-बार गर्म कर खाते हैं। लेकिन आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान दोनों इस आदत को अत्यंत खतरनाक मानते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बार-बार गर्म किया गया खाना न केवल पोषण को कम करता है, बल्कि इसे जहर में बदल देता है। यह न केवल पाचन पर असर डालता है, बल्कि शरीर में जहरीले तत्व यानी टॉक्सिन्स जमा करके गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
आयुर्वेद में, पुनः गर्म किए गए खाने को अमवर्धक और वीर्यहीन कहा जाता है, जिसका मतलब है कि ऐसा खाना न तो शरीर को शक्ति प्रदान करता है और न ही यह पेट में सही से पचता है। इसके परिणामस्वरूप, शरीर धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है और रोगों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
आधुनिक चिकित्सा भी इस चेतावनी को मानती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पके हुए खाने को पुनः गर्म करते समय उसका तापमान कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचाना चाहिए ताकि बैक्टीरिया नष्ट हो सकें। लेकिन यह प्रक्रिया केवल एक बार करनी चाहिए। बार-बार गर्म करने से न केवल पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं, बल्कि कुछ खाद्य पदार्थों में कैंसरकारी रसायन भी उत्पन्न हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, प्रोटीन युक्त आहार जैसे अंडे या चिकन को बार-बार गर्म करने से इसका प्रोटीन संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे इसे पचाना कठिन हो जाता है।
इसी तरह, पके हुए चावल या पास्ता में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो पुनः गर्म करने पर भी पूरी तरह नष्ट नहीं होते, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ सकता है। आलू, ब्रेड और तले हुए व्यंजन जैसे पकौड़े, समोसे आदि को बार-बार गर्म करने पर अक्रिलामाइड
आयुर्वेद और विज्ञान दोनों की सलाह है कि भोजन को हमेशा ताजा और सीमित मात्रा में बनाएं।