क्या डायबिटीज में गुड़ और शहद का सेवन करना सुरक्षित है?
सारांश
Key Takeaways
- गुड़ और शहद में शुगर होती है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकती है।
- डायबिटीज के रोगियों को प्राकृतिक मिठास से भी बचना चाहिए।
- आयुर्वेद में मीठे का सेवन संयमित करने की सलाह दी गई है।
- हल्की वॉक करना आवश्यक है।
- क्रेविंग को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक उपाय करें।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। यदि आप डायबिटीज से जूझ रहे हैं, तो आपके मन में बार-बार यह प्रश्न उठता होगा कि क्या गुड़ और शहद का सेवन किया जा सकता है या नहीं? बहुत से लोग मानते हैं कि ये प्राकृतिक होते हैं, इसलिए आम चीनी से कम हानिकारक हैं।
लेकिन सच्चाई यह है कि गुड़ और शहद भी शुगर ही हैं, बस उनका स्वरूप और स्वाद भिन्न होता है। इनमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज की भरपूर मात्रा होती है, जिससे ये ब्लड शुगर को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, डायबिटीज के रोगियों के लिए इनका सेवन सुरक्षित नहीं माना जाता।
डायबिटीज में शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या यह सही ढंग से कार्य नहीं करता। ऐसे में जब आप गुड़ या शहद का सेवन करते हैं, तो उनका ग्लूकोज तेजी से रक्त में मिल जाता है और शुगर लेवल बढ़ा देता है। इससे थकान, चक्कर आना, और सिरदर्द जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं और दीर्घकाल में हृदय, किडनी और नसों पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए डॉक्टर सामान्यतः सलाह देते हैं कि किसी भी प्रकार के मीठे का सेवन, चाहे वह प्राकृतिक ही क्यों न हो, डायबिटीज के रोगियों के लिए नहीं करना चाहिए।
आयुर्वेद भी यह कहता है कि मीठे का सेवन संयम से करना चाहिए। शहद को योगवाहि माना गया है। यह दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाता है, लेकिन तभी जब शरीर का पाचन ठीक हो। गुड़ को ऊर्जा बढ़ाने वाला माना गया है, लेकिन यह कफ को बढ़ाता है, जो मधुमेह में अनुकूल नहीं है। इसलिए आयुर्वेद भी यही सलाह देता है कि डायबिटीज में मीठे का सेवन करने से बचना चाहिए।
साथ ही, हल्की वॉक करना भी आवश्यक है ताकि ब्लड शुगर अचानक न बढ़े। यदि आप शहद का सेवन करते हैं, तो इसे गर्म पानी, चाय या दूध में न मिलाएं, क्योंकि उच्च तापमान इसके गुणों को कम कर देता है। बेहतर है कि डायबिटिक-फ्रेंडली गुड़ या स्टेविया जैसे प्राकृतिक स्वीटनर का उपयोग करें, जो शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाते।
यदि आपको मीठा खाने की इच्छा हो, तो मेथी दाना पानी, दालचीनी और तुलसी-नीम का मिश्रण ले सकते हैं। इससे आपकी क्रेविंग को नियंत्रित किया जा सकता है।