क्या इस विटामिन की कमी से जल्दी बुढ़ापा आ सकता है? जानें क्यों है विटामिन बी 7 शरीर के लिए आवश्यक
सारांश
Key Takeaways
- बायोटिन शरीर के लिए आवश्यक है।
- कमी से बुढ़ापे के लक्षण जल्दी आ सकते हैं।
- नियमित आहार में इसे शामिल करना जरूरी है।
- प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त करना सबसे अच्छा है।
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के युग में स्वास्थ्य का ध्यान रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। दिनभर कुर्सियों पर बैठे रहना और कीबोर्ड पर काम करना आम बात हो गई है।
हमारा भोजन भी जंक फूड्स और डिब्बाबंद पदार्थों पर निर्भर हो गया है, जिससे शरीर में विटामिन और खनिजों की कमी हो रही है। आमतौर पर कैल्शियम, विटामिन डी और विटामिन बी 12 पर अधिक ध्यान दिया जाता है, लेकिन अन्य विटामिनों की तरह बायोटिन यानी विटामिन बी 7 भी हमारे लिए आवश्यक है, जो आपको युवावस्था और सुंदरता बनाए रखने में सहायता करता है।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स में कुल आठ विभिन्न विटामिन शामिल हैं, जिनमें थायमिन (बी1), राइबोफ्लेविन (बी2), नियासिन (बी3), पैंटोथेनिक एसिड (बी5), पाइरिडोक्सिन (बी6), बायोटिन (बी7), फोलिक एसिड (बी9), और कोबालामिन (बी12) हैं। ये सभी विटामिन वसा और पानी में घुलनशील होते हैं और शरीर की तंत्रिकाओं के सुचारू कार्य में मदद करते हैं।
विटामिन बी 7 की कमी से बालों का झड़ना, नाखूनों का टूटना, चेहरे पर झुर्रियां, और त्वचा में रूखापन आ सकता है। इसके अलावा, यह मेटाबॉलिज़्म को धीमा कर देता है।
विटामिन बी 7 को शरीर का साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसकी कमी से शरीर अंदर से कमजोर हो जाता है। खास बात यह है कि विटामिन बी 7 अन्य विटामिनों की तरह खुद से नहीं बनता, बल्कि इसे रोजाना आहार के माध्यम से लेना आवश्यक है।
आयुर्वेद के अनुसार, बायोटिन को धातु-पोषण सहायक और त्वचा, केश और नाखून के लिए बलवर्धक माना गया है। यह मेटाबॉलिज़्म को मजबूत करने में सहायक होता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में परिवर्तित करता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और रक्त के माध्यम से यह ऊर्जा पूरे शरीर तक पहुंचाई जाती है।
यदि आपके शरीर में बायोटिन की कमी है, तो आप बेज़ान महसूस कर सकते हैं और बुढ़ापा जल्दी आ सकता है। अब सवाल यह है कि रोजाना आहार में विटामिन बी7 कैसे प्राप्त करें। यह खाद्य पदार्थों में आसानी से पाया जा सकता है। इसके लिए बादाम, ब्रोकोली, शकरकंद, सूरजमुखी के बीज, ओट्स, मूंगफली, मशरूम, पालक और सोयाबीन का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।