क्या 'मत्स्यासन' पेट की चर्बी और मानसिक तनाव को कम कर सकता है? जानें इसके अद्भुत लाभ

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क्या 'मत्स्यासन' पेट की चर्बी और मानसिक तनाव को कम कर सकता है? जानें इसके अद्भुत लाभ

सारांश

'मत्स्यासन' एक अद्भुत योगासन है जो न केवल पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है बल्कि मानसिक तनाव को भी घटाता है। यह आसन महिलाओं और पुरुषों, दोनों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। नियमित अभ्यास से पीठ दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। जानें और इसके चमत्कारी लाभों के बारे में।

Key Takeaways

  • मत्स्यासन से पेट की चर्बी कम होती है।
  • यह पीठ दर्द में राहत देता है।
  • मानसिक तनाव को कम करता है।
  • महिलाओं के लिए लाभकारी है।
  • सही तरीके से अभ्यास करना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। स्वस्थ रहने के लिए योग का अभ्यास करना बेहद आवश्यक है। यह शरीर को सक्रिय रखने के साथ-साथ उसे लचीला भी बनाता है। नियमित योग करने से फिटनेस बनी रहती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। योग के विभिन्न आसनों में एक प्रमुख आसन है 'मत्स्यासन', जिसका नाम दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है- 'मत्स्य' का अर्थ मछली और 'आसन' का अर्थ बैठने की मुद्रा। इसका अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और पेट साफ रहता है। यह गले और आंखों को भी लाभ पहुंचाता है।

आयुष मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इस योगासन की जानकारी साझा की है। इसके अनुसार, मत्स्यासन उन व्यक्तियों के लिए बहुत लाभकारी है जो कब्ज, पीठ दर्द या सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस आसन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों और पाचन तंत्र में सुधार होता है, जिससे कब्ज से राहत मिलती है। यह फेफड़ों को खोलता है, जिससे सांस लेना आसान होता है और सांस संबंधित परेशानियां कम होती हैं। इसके अतिरिक्त, यह आसन पीठ की ऊपरी मांसपेशियों को भी आराम देता है और रीढ़ को लचीला बनाता है। पीठ दर्द से परेशान लोगों के लिए यह आसन वरदान साबित होता है।

महिलाओं के लिए यह आसन अत्यधिक लाभदायक है, विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जो गर्भाशय की समस्याओं या डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह आसन पेट की मांसपेशियों पर मसाज देने का कार्य करता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और बेचैनी को भी यह कम करने में सहायक है। जब पेट की नसों और मांसपेशियों को आराम मिलता है, तो पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन में राहत मिलती है। यह आसन हार्मोन संतुलन बनाने में भी मदद करता है।

मत्स्यासन केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी अत्यंत लाभकारी होता है। जब आप इस आसन का अभ्यास करते हैं, तो गहरी सांस लेते हुए एक विशेष मुद्रा में लेटना होता है, जिससे मन को शांति मिलती है और सोचने-समझने की क्षमता में सुधार होता है। यह आसन तनाव, चिंता और डर जैसी भावनाओं को कम करने में मदद करता है। यह मन को शांत करने में भी कारगर है।

इसके अतिरिक्त, यह पेट की चर्बी कम करने के लिए भी प्रभावी माना जाता है। इस आसन से पेट की मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है।

मत्स्यासन करने के लिए सबसे पहले अपने पीठ के बल सीधा लेट जाएं और दोनों पैरों को एक साथ जोड़ लें। हाथों को धीरे-धीरे शरीर के नीचे लाएं, उनका रुख जमीन की तरफ होना चाहिए। अब अपनी कोहनियों को कमर के पास लाते हुए एक-दूसरे के नजदीक लाएं। फिर पैरों को पालथी मार लें और गहरी सांस लेते हुए अपने सीने को ऊपर उठाएं, धीरे-धीरे सिर को पीछे की ओर झुकाएं, ताकि सिर का ऊपरी हिस्सा फर्श से हल्का स्पर्श करे। इस स्थिति में शरीर को संतुलित और आरामदायक बनाए रखें।

Point of View

बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। यह आसन कब्ज, पीठ दर्द, और सांस से जुड़ी समस्याओं का समाधान करता है। यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जिससे हार्मोन संतुलन और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना सभी के लिए फायदेमंद है।

NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

मत्स्यासन करने से क्या लाभ होता है?
मत्स्यासन करने से पेट की चर्बी कम होती है, पीठ दर्द में राहत मिलती है और मानसिक तनाव घटता है।
क्या महिलाएं मत्स्यासन कर सकती हैं?
हाँ, यह आसन महिलाओं के लिए भी बहुत लाभकारी है, खासकर गर्भाशय की समस्याओं और डायबिटीज से जूझ रही महिलाओं के लिए।
मत्स्यासन कैसे किया जाता है?
मत्स्यासन करने के लिए पीठ के बल लेटें, पैरों को जोड़ें और गहरी सांस लेते हुए सीना ऊपर उठाएं।
क्या यह आसन मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है?
मत्स्यासन मानसिक शांति में सुधार करता है और तनाव, चिंता जैसी भावनाओं को कम करने में मदद करता है।
मत्स्यासन का अभ्यास कब करना चाहिए?
इस आसन का अभ्यास सुबह के समय खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है।